सिटी पोस्ट लाइव :यास तूफ़ान ने उदिशा, बंगाल और बिहार भले ही तबाही मचाई है लेकिन किसानों को बड़ी राहत मिली है. लगातार दो चक्रवात टाक्टे और यास की वजह से मानसून से पहले ही बिहार में भरपूर बारिश हो गई है. इसका फायदा धान की रोपनी समेत तमाम खरीफ फसलों को होगा. एक और अच्छी खबर यह है कि चक्रवात ‘यास’ (cyclone yaas) भले ही बिहार से गुजर गया, लेकिन यह मानसून को मजबूती दे गया. फिलहाल, अंडमान निकोबार द्वीप समूह के आसपास दक्षिण-पश्चिम मानसून काफी तेज हो गया है. अगले दो दिनों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के केरल में दस्तक देने की संभावना है. इसके बाद धीरे-धीरे इसके उत्तर भारत की ओर आगे बढऩे की उम्मीद है. 12 व 13 जून को दक्षिण-पश्चिम मानसून बिहार में दस्तक देगा.
तूफान से प्रदेश की हवा में काफी नमी भर गई है, जो तूफान को आगे बढ़ाने में काफी मददगार साबित होगी. इसके पहले अरब सागर में टाक्टे तूफान आया था उससे देश के पश्चिमी हिस्से में नमी भर गई है. इस कारण देशभर में मानसून के दौरान अच्छी बारिश होने की उम्मीद है.मौसम विज्ञानियों का कहना है कि सबकुछ ठीक रहा तो प्रदेश में पूर्णिया के रास्ते मानसून 12-13 को जून को प्रवेश कर सकता है. इस वर्ष मानसून के दौरान राज्य में अच्छी बारिश की संभावना है. मानसून के दौरान जून से लेकर सितंबर तक बारिश होती है. इस दौरान औसतन 1000 मिलीमीटर बारिश राज्य में होती है. इस वर्ष सामान्य से ज्यादा बारिश होने का अनुमान है, जिससे किसानों को काफी लाभ हो सकता है.
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