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दिल्ली में लंदन से भी ज़्यादा ठंड, जानिये क्यों भारत में कहर बनी ठंड?

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दिल्ली में लंदन से भी ज़्यादा ठंड, जानिये क्यों भारत में कहर बनी ठंड?

सिटी पोस्ट लाइव : इन दिनों दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड पड़ रही है.दिल्ली की ठण्ड ने लंदन की ठण्ड को भी मात दे दिया है.मौसम विभाग के एक अनुमान के अनुसार दिल्ली की ठंड पिछले 118 सालों का रिकॉर्ड तोड़ सकती है. ठंड का आलम यह है कि दिल्ली में न्यूनतम तापमान इन दिनों लंदन से भी ज़्यादा नीचे गिर गया है.एक ही वक़्त में लंदन में न्यूनतम तामपान 6 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान था वहीं दिल्ली में यह तामपान दो डिग्री तक नीचे गिरने का अनुमान लगाया गया.

मौसम विभाग के अनुसार दिसंबर में इससे पहले साल 1919, 1929, 1961 और 1997 में औसत तापमान 20 डिग्री से नीचे रहा है. मौसम विभाग ने कहा है कि इस साल गुरुवार तक दिसंबर में औसत तापमान 19.85 डिग्री रहा है. 31 दिसंबर तक इसके 19.15 डिग्री सेल्सियस होने की संभावना है.मौसम विभाग के अधिकारी के अनुसार, इस साल दिसंबर का महीना साल 1901 के बाद दूसरा सबसे सर्द दिसंबर का महीना हो सकता है. सबके जेहन में एक ही सवाल है-आख़िर उत्तर भारत में इतनी ज़्यादा ठंड क्यों पड़ रही है?

दिल्ली के रीजनल वेदर फ़ॉरकास्टिंग सेंटर (आरडब्ल्यूएफ़सी) के वैज्ञानिकों के अनुसार पहाड़ों में हुई बर्फ़बारी का असर मैदानी इलाक़ों में पड़ रहा है. यहां घना कोहरा होने की वजह से सूरज नहीं दिख रहा है और तापमान नीचे बना हुआ है.’12, 13 और 21 दिसंबर को वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की वजह से पहाड़ी इलाक़ों में बर्फ़बारी हुई थी. इस बर्फ़बारी के बाद से ही बहुत सर्द हवाएं चल रही हैं. इन्हें हम लोग ‘नॉर्थ वेस्ट अर्ली विंड’ बोलते हैं. इसके साथ-साथ पूरे उत्तर भारत में घना कोहरा बना हुआ है, जिसकी वजह से सूरज की रौशनी नहीं मिल पा रही है और अधिकतम तापमान में वृद्धि नहीं हो रही है.”

दिल्ली में इस समय कोल्ड-ए कंडीशन है और यह कड़ाके की ठंड की तरफ़ प्रवेश कर रही है.’14 दिसंबर से पूरे दिल्ली एनसीआर और उत्तर पश्चिम इलाक़े में कोल्ड-ए के हालात बने हुए हैं. सर्दियों के मौसम में हर साल एक-दो दिन कोल्ड डे के आते ही हैं. कभी-कभी यह ज़्यादा दिनों तक हो जाता है. 2014 में लगातार आठ दिन इसी कंडिशन में थे, इससे पहले 1997 में लगातार 13 दिन ऐसे ही थे.15 दिसंबर से लेकर 10 फ़रवरी के वक़्त में कोल्ड डे, सीवियर कोल्ड और कोल्ड वेव इन तीनों में से कोई भी कंडीशन बन सकती है.

मौसम विभाग की तरफ़ से हर पांच दिन में एक सामान्य तापमान तय किया जाता है. अगर तापमान इस सामान्य तापमान से साढ़े चार डिग्री नीचे आता है तो उसे कोल्ड-डे श्रेणी में रखा जाता है, जैसे अभी फिलहाल सामान्य तापमान 20.4 डिग्री सेल्सियस तय किया गया है. यह तापमान की अधिकतम सीमा तय की गई है. मौजूदा स्थिति में अधिकतम तापमान इससे पांच डिग्री नीचे पहुंच गया है इसलिए कोल्ड-डे श्रेणी की ठंड पड़ रही है.”

इसके बाद अगर अधिकतम तापमान मौसम विभाग की तरफ़ से तय सामान्य तापमान से साढ़े छह डिग्री नीचे गिर जाता है तो वह सीवियर कोल्ड की श्रेणी में चला जाता है. मौसम विभाग ने अनुमान लगाया है कि दिल्ली में आने वाले दिनों में ठंड की हालत इसी श्रेणी की तरफ़ बढ़ती हुई दिख रही है.

ठंड की वजह से स्कूलों में बच्चों की छुट्टियां भी की जा रही हैं. नए साल के आग़ाज़ पर पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फ़बारी के आसार भी बताए गए हैं. हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में 31 दिसंबर को बर्फ़बारी हो सकती है. मौसम विभाग के अनुसार 29 दिसंबर तक पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, और उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में ठंडे दिनों का दौर बने रहने का अनुमान है.राजस्थान के कई ज़िलों में तापमान शून्य से नीचे चला गया है. सीकर में गुरुवार को तापमान शून्य से 3 डिग्री नीचे पहुंच गया. वहीं मध्य प्रदेश और बिहार के कुछ हिस्सों में भी ठंडे दिनों का दौर रह सकता है.भारतीय मौसम विभाग के ऑल इंडिया वेदर बुलेटिन के अनुसार 30 दिसंबर से पश्चिम दबाव एक बार फिर सक्रिय होगा जिसकी वजह से उत्‍तर-पश्चिम और मध्‍य भारत के कुछ इलाक़ों में 31 दिसंबर से पहली जनवरी के बीच ओले पड़ने की आशंका है.

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