रांची : झारखंड प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन (पासवा) ने कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए स्कूलों को खोलने की मांग को लेकर शुक्रवार को एक बार फिर से वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव, कृषि मंत्री बादल पत्रलेख से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा।
पासवा के प्रदेश अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे ने कहा कि पिछले दो वर्षों से बच्चों की पढ़ाई बाधित है जिसके कारण पूरी दुनिया में बच्चों के भविष्य को लेकर चिंता व्यक्त की जा रही है। वर्ल्ड बैंक के शिक्षा निदेशक पहले ही यह कह चुके हैं कि कोरोना संक्रमण के फैलाव में स्कूलों का खोला जाना कहीं से भी बाधा उत्पन्न नहीं करता है। जब पूरी दुनिया में बाजार, मॉल, सिनेमा हॉल और शराब की दुकानें खुली है तो ऐसी स्थिति में सिर्फ स्कूलों को बंद रखना ही उचित फैसला नहीं है।
उन्होंने कहा कि देश के सबसे बड़े सरकारी चिकित्सा संस्थान नई दिल्ली एम्स के निदेशक डॉ गुलेरिया ने भी शैक्षणिक संस्थानों को खोलने की वकालत की है एवं इस दिशा में राज्य सरकार को आवश्यक कदम उठाने की बात कही है। इससे पहले झारखंड के विभिन्न शिक्षाविदों ने भी स्कूलों को खोले जाने की वकालत की है और इसे लेकर सरकार को कई सुझाव भी दिए हैं। उन्होंने कहा कि देश में सबसे ज्यादा करोना संक्रमण के मामले महाराष्ट्र जैसे राज्यों में आ रहे हैं लेकिन इसके बावजूद महाराष्ट्र सरकार ने बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए 24 जनवरी से स्कूल खोलने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार भी बच्चों के भविष्य को देखते हुए तत्काल आवश्यक कदम उठाएं।
इस अवसर पर मंत्री रामेश्वर उरांव एवं बादल पत्रलेख ने पासवा के प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया है कि स्कूल खोलने को लेकर मुख्यमंत्री से विचार विमर्श किया जाएगा एवं समय अनुकूल फैसले लिए जाएंगे।
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