सिटी पोस्ट लाइव: अब बेटियों को स्कूल जाने के लिए बढ़िया साइकिल मिलेगी. जी हाँ, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अब बेटियों को साइकिल के लिए दी जानेवाली रकम 2500 से बढ़ाकर 3000 रुपये कर दिया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को ‘मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना’ का शुभारंभ करते हुए बेटियों के लिए इस तरह कई महत्वपूर्ण योजनाओं की घोषणाएं की. मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री साइकिल योजना की राशि में की गयी इस वृद्धि का लाभ इसी शैक्षणिक वर्ष से मिलने लगेगा.
नवंबर में सभी सरकारी स्कूलों के 9 वीं क्लास के छात्र-छात्राओं को साइकिल योजना के रुपये सीधे उनके बैंक खाता में ट्रांसफर किये जाते हैं. इस बार भी इसी समय साइकिल योजना के तहत बढ़े हुए रुपये दिये जायेंगे. उन्होंने कहा कि साइकिल योजना का लाभ उठाने वाले लाभार्थियों का सर्वे कराया जाएगा. इस दौरान यह देखा जायेगा कि जिन छात्रों को इसका लाभ मिला है, उन्होंने इस रुपये का साइकिल ही खरीदी है या कहीं और खर्च कर दिया है.
मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना को राइट टू सर्विस कानून में शामिल किये जाने का ऐलान करते हुए कहा कि इससे यह तय हो जायेगा कि बच्ची के जन्म के बाद एक निर्धारित समय सीमा में लाभुकों के खाते में पैसे पहुंच जायेंगे. अगर किसी के घर बच्ची का जन्म होता है, तो वह आरटीएस के अंतर्गत सभी प्रखंड स्तर पर बने इसके कॉउंटरों में आवेदन करेगा तो उसे इसका लाभ मिलेगा. सीएम ने आरटीएस में इसे जोड़ने के लिए चीफ सेक्रेट्री समेत अन्य अधिकारियों को मंथन कर जल्द इसकी कार्य योजना तैयार कर इसे लागू करने का निर्देश दिया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्राओं के लिए साइकिल, पोशाक, सेनेट्री पैड, छात्रवृत्ति, प्रोत्साहन समेत ऐसी अन्य योजनाओं का असर भी हुआ है. पहले नौवीं क्लास में छात्राओं की संख्या जहां एक लाख 70 हजार के आसपास हुआ करती थी, वह आज बढ़ कर आठ लाख से ज्यादा हो गयी है.सीएम ने कहा कि मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के तहत किसी लड़की को उसके जन्म लेने से लेकर स्नातक करने तक 56 हजार 100 रुपये दिये जायेंगे. इस योजना का मकसद लड़की के प्रति समाज और परिवार में स्वीकार्यता और लगाव को बढ़ावा देना है. इस यूनिवर्सल स्कीम का उदे्श्य शिशु मृत्यु दर में कमी लाना भी है. फिलहाल यह राष्ट्रीय औसत से कम है, जिसमें सुधार करने में यह योजना काफी सहायक साबित होगी. अब लोग बेटियों को आगे बढ़ कर स्वीकार करेंगे.
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