प्रा. शिक्षा को दुरुस्त करने के लिए सभी पंचायतों में बनेंगे मॉडल स्कूल
सिटी पोस्ट लाइव :बिहार में स्कूली शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने की कवायद शुरू हो चुकी है. सेकेंडरी एजुकेशन को दुरुस्त करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बड़ा फैसला लिया है. नीतीश सरकार ने अब छात्र-छात्राओं के बेहतर भविष्य के लिए बिहार के सभी 8432 पंचायतों में एक-एक मॉडल स्कूल बनाने का फैसला लिया है.
सबसे ख़ास बात ये है कि मॉडल स्कूल के भवन ही केवल अत्याधुनिक नहीं होगें बल्कि छात्रों के बहुमुखी विकास के लिए पठन-पाठन के साथ-साथ स्किल डेवलपमेंट, लैंग्वेज एवं कंप्यूटर प्रशिक्षण की व्यवस्था भी होगी. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए सरकार की यह योजना ऐसे वक्त आकार लेने जा रही है जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर हर पंचायत में एक हाईस्कूल/प्लस-टू स्कूल को स्थापित किया जा रहा है.
गौरतलब है कि अब तक सभी 38 जिलों की 6646 पंचायतों में एक-एक हाईस्कूल/प्लस-टू स्कूल बनाये जा चुके हैं और वहां पढ़ाई भी होने लगी है. शिक्षा विभाग के मुताबिक 2022 तक हर उच्च विद्यालय को मॉडल स्कूल के रूप में विकसित किया जाएगा. इस पर 436 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. इसमें केंद्र सरकार से भी वित्तीय मदद मिलेगी. शिक्षा विभाग के अनुसार मॉडल स्कूलों को ‘सेंटर फॉर एक्सीलेंस’ के रूप में विकसित करने का भी प्लान है. सभी पंचायतों में मॉडल स्कूल बनाने का काम तीन चरणों में पूरा किया जाएगा.
यानी अब गावं के गरीब परिवारों के बच्चों को भी अत्याधुनिक सुविधाओं वाले स्कूल में बेहतर योग्य शिक्षकों की निगरानी पढने लिखने की सुविधा मिलेगी.इन मॉडल स्कूलों में पढनेवाले बच्चों को अपने परिवार के गरीबी की वजह से स्तरीय शिक्षा के अवसर से चूक जाने का अफसोश नहीं रहेगा.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह ड्रीम प्रोजेक्ट है जिसे सफल बनाने के लिए पूरा सरकारी महकमा जी-जान से जुट जाएगा.
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