आरकेड बिजनेस कॉलेज में अंतर्राष्ट्रीय लेखक उज्जवल पाटनी ने सिखाए सफलता के गुर
समझौता करने वाले सफल नहीं होते : उज्जवल पाटनी
आरकेड बिजनेस कॉलेज में अंतर्राष्ट्रीय लेखक उज्जवल पाटनी ने सिखाए सफलता के गुर
सिटी पोस्ट लाइव : यदि आप यह सोचते हैं कि इंसान को सफलता परिस्थियों के बेहतर होने पर मिलती है, तो आप पूरी तरह गलत हैं. यदि ऐसा होता तो एक पेट्रोल पंप पर तेल भरने वाला आदमी ऐसी परिस्थिति से निकल कर अंबानी कैसे बनता, साइकिल पर बैठकर एक सामान का होम डिलीवरी देनेवाला आदमी बेजोस अमेज़न का सीईओ कभी नहीं बनता. कहने का मतलब यह है कि यदि हम अपनी वर्तमान परिस्थियों से समझौता कर लेते हैं, तो एक अच्छे कल की उम्मीद करना ही बेकार है. दर्जनों मोटिवेशनल पुस्तकों के लेखक व अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त मोटिवेटर डॉ. उज्जवल पाटनी ने यह सफलता का मंत्र आरकेड बिजनेस कॉलेज द्वारा अपने छात्रों के लिए आयोजित सेमिनार में दिया. उन्होंने कहा कि यदि आप किसी ऐसे समय का इन्तजार कर रहे हो, जो आपके लिए सकारात्मक हो और सुखद हो, तो ऐसा समय कभी नहीं आएगा.
उन्होंने कहा कि एक बार एक व्यक्ति ने रतन टाटा से पूछा कि आपके जैसा बड़ा उद्योगपति बनाना है, कोई ऐसा मन्त्र बताईये, कि कम समय में मैं आपके जितना बड़ा आदमी बन जाऊं, तो उन्होंने कहा कि इसका एक ही मन्त्र है कि जो कुछ आपके पास है, उससे आज से ही शुरुआत करो, अन्यथा जिंदगी भर केवल सपने देखते रह जाओगे. डॉ पाटनी ने आगे कहा कि जिस प्रकार नेटवर्क नहीं होने पर कितना भी महंगा मोबाइल काम नहीं करता, उसी प्रकार यदि आपका मन का नेटवर्क सही नहीं, तो दुनिया का कोई भी वक्ता आपको कुछ सिखा नहीं सकता. उन्होने कहा कि इस धरती पर हर कोई एक ख़ास क्षमता के साथ पैदा होता है और अपनी क्षमताओं को केवल हम अपनी पिछली गलतियों को भूलकर ही निखार सकते हैं. उन्होंने कहा कि भारतीय जैसे फ्लेक्सिबल लोग विश्व में कहीं नहीं हैं, क्योंकि हम एसी फर्स्ट में भी सफ़र कर लेते हैं और स्लीपर क्लास में भी, हम रोड के किनारे भी खड़े होकर खा लेते हैं और किसी बड़े होटलों में भी, उसके बावजूद हम जापान या अमेरिका क्यों नहीं बन पाते, क्योंकि हम हर चैलेंज से बचने के लिए बहानों की तलाश में रहते हैं. इस अवसर पर पाटलिपुत्रा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गुलाबचंद राम जायसवाल ने आरकेड बिजनेस कॉलेज के छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आज छात्रों का रुझान व्यवसायिक पाठ्यक्रमों की ओर हो रहा है, परन्तु ध्यान रहे कि व्यवसायिक पाठ्यक्रम का उद्देश्य शैक्षणिक ही होना चाहिए, व्यावसायिक नहीं. उन्होंने छात्रों का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि आज आपकी सफलता सात निश्चयों पर निर्भर करती है – अलग दिखना, स्वस्थ प्रतिस्पर्धा करना, नयी तकनीक का सार्थक प्रयोग, प्रभावशाली भाषा, सार्थक साहचर्य तथा स्वमूल्यांकन. उन्होंने यह भी कहा कि नवनिर्मित पाटलिपुत्रा विश्वविद्यालय उत्तर भारत में कदाचारमुक्त परीक्षा की नयी मिसाल कायम करेगा. कॉलेज के निदेशक व करियर कंसल्टेंट आशीष आदर्श ने कहा कि आरकेड बिजनेस कॉलेज अपने अलग पाठन व्यवस्था व अद्भुत कैरियर सेनिनारों के लिए जाना जाता है और हम उन लोगों को अपने छात्रों के बीच लाते हैं, जिनको अब तक छात्रों ने टीवी, समाचारपत्रों और नेट पर देखा, क्योंकि उन् लोगों से मिलकर जीवन में सफलता के मन्त्र हासिल करना एक बड़ा अवसर है.
उज्जवल पाटनी द्वारा बताये गए सफलता का मन्त्र :
1. पांच शब्द याद रखें – ए, बी, सी, डी और ई.
2. ए यानी अस्पिरेशन, मतलब लक्ष्य का निर्धारण. जबतक आप खुद को चुनौती देकर कम्फर्ट जोन से बाहर नही निकलते तब तक आपकी समाज में इज्ज़त नही होती.
3. बी यानि बिलिफ, मतलब खुद पर विश्वास करें.
4. सी यानि कम्पेनियानशिप, जब तक आपके दोस्त सही नही होंगे, आप खुद भी सही मार्ग का चयन नही कर सकते.
5. डी मतलब डिसीजन, यानि बड़े निर्णय हमेशा अकेले लें.
6. ई यानी एक्सक्यूज से छुटकारा, मतलब बहाना छोड़ें.
7. सोशल मीडिया के लिए दिन भर में केवल एक घंटा निकालें, इसे जीरो टेक्नोलॉजी स्लॉट कहते हैं.
8. प्रभावशाली बातें करें और बड़ी बातें करने की आदत डाल ले, क्योंकि हम जैसा बोलते हैं, हमारे मन को भी वैसा ही सन्देश जाता है.
और अंत में कहा की प्रत्येक दिन आप एक मिनट का डे ऑडिट करें. जिसमे खुद से तीन सवाल करें –
1. आज मैंने ऐसा कौन सा काम किया, जो मुझे नही करना चाहिए था ;
2. आज ऐसा कौन सा काम किया, जिसको मैं और बेहतर तरीके से कर सकता था ; और
3. आज मैंने ऐसा क्या किया कि मुझे गर्व होना चाहिए.
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