रांची: झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि भारत और विदेशों में उच्च शिक्षा के व्यापक प्रसार में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) का महत्वपूर्ण स्थान है। सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) की दृष्टि से उच्च शिक्षा के क्षेत्र में इसकी सराहनीय भूमिका रही है। राज्यपाल गुरूवार को इग्नू द्वारा स्नातकोत्तर (कला) में पर्यावरण एवं व्यावसायिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के शुभारंभ के अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि इग्नू ने अपने परिश्रम से देश में अपना एक विशिष्ट स्थान बनाया है और इसके विद्यार्थियों ने देश तथा विदेशों में अपनी एक पहचान बनाई है। संस्थान का नाम रोशन किया है। वर्त्तमान समय को देखते हुए इग्नू स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में पर्यावरण एवं व्यावसायिक स्वास्थ्य कार्यक्रम प्रारम्भ करने जा रहा है। पर्यावरण प्रदूषण से आज समस्त विश्व चिंतित हैं और पर्यावरण सुरक्षा आज विश्व के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गई है। आज हमें यह देखने की नितांत जरूरत है कि हम किस प्रकार अपने पर्यावरण की रक्षा करते हुए विकास का मार्ग अपना सकते हैं। उन्होंने कहा कि पर्यावरण असंतुलन के कारण बेमौसम अतिवृष्टि, अनावृष्टि, सूखा, बाढ़ में वृद्धि हो रही है, जिसके कारण करोड़ो लोगों का जनजीवन प्रभावित हो रहा है। ग्लोबल वार्मिंग के कारण ग्लेशियर पिघल रहे हैं। इससे फसल चक्र के अनियमित होने की संभावना है और कृषि उत्पादन पर असर पड़ना स्वाभाविक है।
इस ओर भी हम सभी को चिन्तन करने की जरूरत है। हमें पर्यावरण संरक्षण के प्रति अधिक-से-अधिक कार्य करने की ओर ध्यान देना होगा। यह कार्यक्रम पर्यावरण और व्यावसायिक स्वास्थ्य के मिशन के अनुरूप है जो शिक्षा, अनुसंधान एवं सेवा के माध्यम से पर्यावरण तथा व्यावसायिक एक्सपोजर से रासायनिक, जैविक जैसे दूषित पदार्थो द्वारा उत्पन्न मानव स्वास्थ्य पर हो रहे प्रतिकूल प्रभावों को कम करना, रोकना है।
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