सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के नियोजित शिक्षकों को समान काम के बदले समान वेतन देने के मामले पर शिक्षक दिवस के दिन फिर से सुनवाई होगी. अब देखना ये है कि शिक्षक दिवस के अवसर पर बिहार के शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट से सामान कार्य के लिए समान वेतन का तोहफा मिलता है या जोर का झटका. इस मामले पर पिछली सुनवाई 30 अगस्त को हुई थी. बिहार के 3.7 लाख नियोजित शिक्षकों की मांग पर सुप्रीम कोर्ट में कल 5 सितंबर को फिर सुनवाई होगी.
कल होने वाली सुनवाई को लेकर राज्य के नियोजित शिक्षकों की निगाहें टिकी है. उन्हें उम्मीद है कि फैसला उनके पक्ष में ही होगा. और शिक्षक दिवस पर उन्हें यह बड़ा तोहफा मिलेगा. कोर्ट ने इस मसले पर अब तक राज्य सरकार का पक्ष सुना है. अब शिक्षक संगठनों के वकील अपना पक्ष रख रहे हैं. इस बीच खबर ये है कि बिहार माध्ममिक शिक्षक संघ ने 5 सितंबर को शिक्षक दिवस का बहिष्कार करने का फैसला किया है. माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष केदारनाथ पांडेय का आरोप है कि सुप्रीम कोर्ट में बहस से शिक्षकों में एक उम्मीद जगी थी कि उन्हें उचित सम्मान मिलेगा. लेकिन सरकार उन्हें सम्मान देने के बजाय उनका विरोध कर रही है. उन्होंने केंद्र सरकार को भी घेरते हुए कहा कि 5 सिंतबर शिक्षकों के लिए सम्मान का दिन होता है. ऐसे में केंद्र सरकार के अटार्नी जनरल उसी दिन शिक्षकों के विरोध में अपना पक्ष रखेंगे. ऐसे में शिक्षक दिवस मनाने का कोई औचित्य नहीं है.
गौरतलब है कि समान काम के लिए समान वेतन की मांग को लेकर पटना हाइकोर्ट ने शिक्षकों के हक में फैसला सुनाया था. इसके बाद राज्य सरकार ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. इससे पहले केंद्र सरकार ने बिहार सरकार का समर्थन करते हुए समान कार्य के लिए समान वेतन का विरोध किया था. सरकार के हलफनामे में कहा गया कि नियोजित शिक्षकों को समान कार्य के लिए समान वेतन नहीं दिया जा सकता है. कोर्ट में पूर्व में सौंपी गई रिपोर्ट में सरकार ने यह कहा है कि वह प्रदेश के नियोजित शिक्षकों को महज 20 फीसद की वेतन वृद्धि दे सकती है.
बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव सह पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह का कहना है कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है. अब तक की सुनवाई तथा हमारे अधिवक्ताओं द्वारा रखे गए पक्ष से कोर्ट पूरी तरह संतुष्ट हैं. उम्मीद है कि फैसला शिक्षकों के पक्ष में ही आएगा.गौरतलब है कि सुनवाई के दौरान हमेशा सुप्रीम कोर्ट की प्रतिक्रिया शिक्षकों के पक्ष में ही आता रहा है लेकिन केंद्र और राज्य सरकार द्वारा ये कह दिए जाने को लेकर संशय बना हुआ है कि उसके पास सामान कार्य के लिए सामान वेतन देने के लिए पैसा ही नहीं है.
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