वित्तरहित डिग्री कॉलेजों को होली का तोहफा, अनुदान मिलने का रास्ता हुआ साफ.
सिटी पोस्ट लाइव : राज्य के 80 से अधिक वित्तरहित डिग्री कॉलेजों को अनुदान मिलने का रास्ता करीब-करीब साफ हो गया है. ये ऐसे कॉलेज हैं, जिनके दावे की जांच को शिक्षा विभाग ने सही पाया है और दावे के पक्ष में सौंपे गये कागजात को वेरिफिकेशन में उचित पाया गया है.कागजात को वेरिफिकेशन में सही पाये जाने के बाद शिक्षा विभाग ने करीब 500 करोड़ रुपए का प्रस्ताव योजना एवं विकास विभाग को भेजा है. वहां से स्वीकृति मिलने पर राज्य मंत्रिमंडल की इस पर मुहर लगेगी, तब जाकर संबंधित वित्तरहित डिग्री कॉलेजों के प्रबंधन के खाते में अनुदान राशि भेजी जाएगी.
उम्मीद है कि इस माह के आखिर तक छह शैक्षिक सत्रों का बकाया अनुदान इन्हें मिल जाएगा. राज्य में करीब 225 वित्तरहित डिग्री कॉलेज कार्यरत हैं. सरकार ने छह माह पहले ही वित्तरहित शिक्षण संस्थानों को शैक्षिक सत्र 2009-12 से लेकर 2014-17 तक अर्थात छह सत्र के लिए अनुदान की राशि देने का निर्णय लिया था. उसके बाद राज्यभर के विश्वविद्यालयों से उनके संबंधित (एफिलिएटेड) डिग्री कॉलेजों का अनुदान दावा उच्चशिक्षा निदेशालय ने मांगा. बार-बार के आग्रह के बाद भी अनुदान मांग और उससे संबंधित साक्ष्यों के कागजात जमा करने में ढीला रवैया अपनाया गया.
विभाग के पास जो आवेदन आए उनकी दो बिंदुओं पर जांच की गयी. पहला कि जिस सत्र के लिए महाविद्यालय ने अनुदान मांगा है उस सत्र में उसकी मान्यता थी कि नहीं. दूसरा यह कि जितने भी स्वीकृत थे, उनके विरुद्ध ही रिजल्ट के आधार पर मांग हुई है या नहीं. इस पैरामीटर पर 80 कॉलेज सही उतरे हैं.अब इन कालेजों को अनुदान देने का फैसला बहुत जल्द हो जाएगा.
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