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कोरोना के डर से परीक्षा में शामिल नहीं हो रहे छात्र, 50 फीसदी छात्रों ने पेपर छोड़ा.

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सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में कोरोना (Corona Cases In Bihar) के बढ़ते खतरे को देखते हुए राज्य सरकार ने स्कूल-कॉलेजों को बंद तो कर दिया है. लेकिन जिन परीक्षाओं की तिथि पहले से तय है वो हो रही हैं.​​​​ नालंदा ओपेन यूनिवर्सिटी (Nalanda Open University) में अभी परीक्षाएं चल रही हैं लेकिन कोरोना की वजह से महज 50 फीसदी स्टूडेंट्स ही शामिल हो रहे हैं. सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) बनाये रखने के लिए विश्वविद्यालय ने दो की जगह चार सेंटर्स बनाए हैं लेकिन स्टूडेंट परीक्षा देने नहीं पहुंच रहे हैं.NOU के कुलसचिव परीक्षा डॉ. संजय कुमार के अनुसार  निर्धारित सिलेबस के अनुसार ही परीक्षा लिया जा रहा है . सब्जेक्टिव परीक्षा हो रही है. पहले NOU का एग्जामिनेशन सेंटर बिस्कोमान और AN कॉलेज में ही हुआ करता था लेकिन इस बार कॉलेज ऑफ कॉमर्स और GD पाटलिपुत्रा प्लस टू में भी सेंटर रखे गए हैं.  लेकिन इन सबके बाद भी 50 फीसदी स्टूडेंट्स ही परीक्षा देने आ रहे हैं, जबकि हर बार 80 फीसदी तक स्टूडेंट्स परीक्षा में शामिल होते थे.

कोरोना के चलते इस बार NOU का सत्र भी लगभग एक साल विलंब हो गया है. जो परीक्षा 2020 में होनी थी वह अभी ली जा रही है. पिछले साल के लॉकडाउन की वजह से ऐसा हुआ है. साइंस, आर्ट्स, कॉमर्स की ग्रेजुएशन लेवल की परीक्षा हो या पोस्ट ग्रेजुएशन की परीक्षा सभी में देर हुई है. कोरोना का असर एडमिशन पर भी काफी हुआ है. 2017-18 में जहां यहां 40 हजार एडमिशन हुए थे वहीं 2019-20 में 21 हजार 732 और 2020-21 में महज साढ़े 18 हजार स्टtडेंट्स ने यहां एडमिशन लिया है. NOU को देने के लिए राज्य की बाकी यूनिवर्सिटी की तरह बजट में प्रावधान नहीं है. यह अपना खर्च खुद से निकालता है. इसलिए कम एडमिशन होने का आर्थिक असर पड़ना स्वाभाविक है.

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