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नियोजित शिक्षकों का धरना दूसरे दिन भी जारी, सत्ताधारी दल के नेताओं का भी मिला समर्थन.

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नियोजित शिक्षकों का धरना दूसरे दिन भी जारी, सत्ताधारी दल के नेताओं का भी मिला समर्थन.

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के आह्वान पर राज्य के नियोजित शिक्षकों व  पुस्तकालयाध्यक्षों के चार वर्षों से लंबित सेवाशर्त नियमावली के निर्धारण, मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद भी सातवां वेतन आयोग की अनुशंसा के आलोक में वेतनमान लागू करने सहित विभिन्न लंबित मांगों को लेकर विधानमंडल के समक्ष आज भी शिक्षकों ने शांतिपूर्ण ढंग से धरना दिया.धरना कार्यक्रम के आज दूसरे दिन मुंगेर, दरभंगा और भागलपुर प्रमंडल अंतर्गत जिलों के हजारों की संख्या में पहुंचे शिक्षक, पुस्तकालयाध्यक्ष सहित प्रखंड से प्रमंडल स्तर के संघीय पदाधिकारियों ने अपनी मांग को लेकर धरना दिया.

संघ के अध्यक्ष केदारनाथ पांडेय ने कहा कि न्याय के साथ विकास का नारा देने वाली सरकार राज्य के नियोजित शिक्षकों व पुस्तकालयाध्यक्षों के साथ न सिर्फ अन्नाय कर रही है बल्कि शिक्षकों के बिना विकास का ढ़िढोरा पिट रही है. विश्व के विकसित देश अपने यहां अन्य कर्मियों से ज्यादा सुविधाएं अपने शिक्षकों को देते हैं क्योंकि वे जानते हैं कि शिक्षक राष्ट्रनिर्माता होता है.नियोजित शिक्षकों के आंदोलन को समर्थन देने सत्तापक्ष जेडीयू के विधानपार्षद के अलावे विपक्षी पार्टी के भी विधानपार्षद पहुंचे. विधान पार्षद संजीव कुमार सिंह, प्रो संजय कुमार सिंह, मदन मोहन झा, जेडीयू एमएलसी दिलीप चौधरी, विधायक पूनम पासवान ने शिक्षकों व पुस्तकालयाध्यक्षों को संबोधित करते हुए उनकी लड़ाई में मांगें पूरी होने तक सड़क से लेकर सदन तक साथ देने का वादा किया.  धरना कार्यक्रम की अध्यक्षता संघ के उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह और संचालन संघ के शैक्षिक परिषद के सचिव शशिभूषण दूबे ने की.

बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के संयुक्त सचिव सह ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय व कामेश्वर सिंह मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के सीनेटर सुरेश राय ने कहा कि जिस राज्य में शिक्षक को अपने हक के लिए सड़कों पर उतरना पड़े वह राज्य कभी उन्नति नहीं कर सकता. शिक्षा के विकास और शिक्षकों के उत्थान के बिना किसी राज्य व राष्ट्र के विकास की कल्पना करना बेमानी है.

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