बिहार के सरकारी स्कूल में जाति के आधार पर छात्रों को बांटा, अलग-अलग बनाया सेक्शन
सिटी पोस्ट लाइव : सरकार जातीय भेदभाव मिटाने की बात करती है. इसको लेकर चलाई जा रही योजनाओं पर सैकड़ों खर्च की जाती है. लेकिन सच्चाई ये है कि सरकारी स्कूलों में ही बच्चों को जात-पात का पथ पढ़ाया जा रहा है. उन्हें जाति के नाम पर अलग अलग खेमों में बांटा जा रहा है. जाति के आधार पर सेक्शन बनाए गए हैं. जाति के आधार पर अटेंडेंस रजिस्टर बनाया गया है.
जाति के आधार पर छात्रों का अलग अलग सेक्शन बनाए जाने का मामला सबसे पहले सिटी पोस्ट लाइव यूं ट्यूब चैनल ने उजागर किया था. पूर्वी चम्पारण के कल्याणपुर प्रखंड के तेनुआ उच्च विद्यालय में वर्ग 9 में 7 सेक्शन बनाए गए हैं. ABCDEFG. रिकॉर्ड में पिछड़ी जाति,अत्यंत पिछड़ी,अनुसूचित जाति और सामान्य जाति, के अनुसार रजिस्टर को बनाया गया है. ऐसा ही वर्ग 10 के लिए भी किया गया है.जाति के आधार पर अलग अलग सेक्शन भी बनाए गए हैं.
सवाल ये है कि आखिर ऐसी क्या मजबूरी है कि जाति के आधार पर बच्चों के लिए अलग अलग सेक्शन बनाया गया है. उन्हें जाति के आधार पर अलग अलग क्लास में बिठाया जा रहा है. सबसे मजेदार बात ये है कि स्कूल के प्राचार्य इसके लिए राज्य सरकार को ही दोषी थार रहे हैं. स्कूल के प्राचार्य कमलेश कुमार का कहना है कि सरकार ड्रेस, साइकिल योजना के लिए उनसे छात्रों की जातिगत सूची मांगती है. इसलिए अपनी सुविधा के लिए उन्होंने जाति के नाम पर छात्रों का अलग अलग सेक्शन ही बना दिया.ऐसा करने से सरकार को आंकड़े देने में सुविधा होती है.
VIDEO बिहार की शिक्षा व्यवस्था का ऑपरेशन सिटीपोस्ट
जब इसकी जानकारी गांव के मुखिया को हुई तो उन्होंने मामले की जांच करने का आश्वासन दिया. मामला संज्ञान में आते ही कल्याणपुर के बीडीओ ने स्कूल में पहुंच गए. उन्होंने स्कूल प्रशासन को इसे तीन दिनों में सुधार करने के लिए कहा. सुधार नहीं होने पर कारवाई करने की चेतावनी दी. उन्होंने स्कूल प्रबंधन को समझाने की कोशिश किया कि अगर मीडिया के संज्ञान में यह बात आ जायेगी तो बड़ी खबर बन जायेगी. बात सरकार तक पहुँच जायेगी तो बड़ा बखेड़ा हो जाएगा. बीडीओ साहब द्वारा स्कूल प्रबंधन को समझाने का विडियो सिटी पोस्ट लाइव के पास है जिसे यूं ट्यूब चैनल पर देखा जा सकता है.यह विडियो और पूरी स्टोरी CITYPOST LIVE पर “ बिहार की शिक्षा व्यवस्था का ऑपरेशन सिटीपोस्ट “ नाम से उपलब्ध है. इसे आप देख सकते हैं.
गौरतलब है कि स्कूलों में जात-पात-उच्च-नीच का भेदभाव मिटाने के लिए ही मध्याहन भोजन योजना की शुरुवात की गई है. इस योजना के तहत सभी छात्र एकसाथ बैठकर एक तरह का भोजन करते हैं. एकसाथ बैठकर खाने से ‘उच्च-नीच और जात-पात का भेदभाव मिटेगा.लेकिन यहाँ तो सरकारी स्कूल में तो छात्रों को स्कूल प्रबंधन द्वारा ही जाति के नाम पर बाँट दिया गया है. उनके जीवन में जाति का जहर घोला जा रहा है.
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