सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के राज्यपाल लालजी टंडन ने एक बड़ा फैसला लिया है. उन्होंने दीक्षांत समारोह में पहने जाने वाले गाउन की जगह भारतीय पारंपरिक ड्रेसकोड अपनाने का आदेश दे दिया है. अब दीक्षांत समारोहों में गाउन नहीं, लड़कियों को सलवार-कुर्ता, साड़ी और मालवीय पगड़ी, जबकि लड़कों को कुर्ता-पायजामा, सफेद धोती-कुर्ता और मालवीय पगड़ी पहनना होगा.
राज्यपाल के इस आदेश के बाद बिहार के विश्वविद्यालयों में दीक्षांत समारोहों में छात्रों को इन्हीं परिधानों को पहनना होगा.गौरतलब है कि अंग्रेजों के समय से यह परंपरा चलती आ रही थी. किसी ने इसे बदलने के बारे में नहीं सोंचा. पहलीबार किसी राज्यपाल ने इस तरह का बड़ा फैसला लिया है.राज्यपाल के इस फैसले का छात्रों ने स्वागत किया है. लेकिन राजनीतिक दल राज्यपाल के इस फैसले को कैसे लेते हैं, ये देखना दिलचस्प होगा.राज्यपाल के इस आदेश पर अभीतक कोई राजनीतिक प्रतिक्रिया नहीं आई है
राज्यपाल लालजी टंडन ने कहा कि दीक्षांत समारोह के दौरान अपना पारंपरिक ड्रेस पहनना चाहिए. अंग्रेजों ने अपने पारम्परिक ड्रेस कोड को लागू किया था लेकिन अब तो हमारा शासन अपनी सरकार है फिर दीक्षांत समारोह में अपने पारंपरिक परिधान की जगह अंग्रेजी ड्रेस कोड क्यों अपनाएं.राज्यपाल के इस आदेश के बाद अब बिहार के विष विद्यालयों का दीक्षांत समारोह का स्वरूप बदल जाएगा.अब अंग्रेजी टोपी और गाउन की जगह छात्र धोती कुर्ता और छात्राएं साड़ी पहनी नजर आयेगीं.
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