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47 सरकारी स्कूलों की मान्यता रद्द, हाई कोर्ट के निर्देश के आलोक में हुई कारवाई

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47 सरकारी स्कूलों की मान्यता रद्द, हाई कोर्ट के निर्देश के आलोक में हुई कारवाई

सिटी पोस्ट लाइव :  बिहार सरकार शिक्षा के स्तर में आ रही गिरावट की वजह से पिछले दो साल से विपक्ष के निशाने पर रही है. अब शिक्षा विभाग ने शिक्षा को दुरुस्त करने के लिए काम शुरू कर दिया है. सबसे पहले इस कारवाई के तहत बिहार के लगभग चार दर्जन स्कूलों पर गाज गिरी है.बिहार बोर्ड ने शनिवार को बोर्ड की बैठक में 47 सरकारी स्कूलों की मान्यता रद्द कर देने का फैसला लिया है. बिहार बोर्ड का यह अबतक का सबसे बड़ा फैसला माना जा रहा है. हाइकोर्ट के न्यायादेश के आलोक में 47 उच्च और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों की मान्यता रद्द कर दी गयी है.

 बिहार बोर्ड के चेयरमैन आनंद किशोर ने एक दूसरा बड़ा फैसला लिया है. अब शिक्षक प्रशिक्षण ( DLEd) के लिए केन्द्रीकृत एग्जाम लिया जाएगा. 2019 -21 सत्र से केन्द्रीकृत परीक्षा ली जायेगी. बिहार के कुल 294 निजी और सरकारी संस्थान जो बिहार बोर्ड से मान्यता प्राप्त हैं, उनमें 28950 सीटों पर नामांकन के लिए केन्द्रीकृत परीक्षा लिए जाने का निर्णय हुआ है. नामांकन में मिल रही गड़बड़ी के मद्देनजर बिहार बोर्ड ने यह फैसला लिया है.

बीएड कॉलेज में केन्द्रीकृत परीक्षा लेने में मिली सफलता के बाद बिहार बोर्ड ने भी शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय में इस तरह की परीक्षा आयोजित कर नामांकन लेने की व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया है बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर की अध्यक्षता में आयोजित गवर्निंग बॉडी की मीटिंग में ये दोनों फैसले लिए गये हैं.आनंद किशोर ने सिटी पोस्ट लाइव से विशेष बातचीत में कहा कि शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए बोर्ड कृतसंकल्प है.आनंद किशोर ने कहा कि कदाचारमुक्त परीक्षा के लिए भी बोर्ड विशेष व्यवस्था करने जा रहा है.

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