सिटी पोस्ट लाइव : बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष केदार नाथ पांडे एवं महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह पूर्व सांसद ने संयुक्त वक्तव्य द्वारा दिनांक 21 अगस्त 2020 को सचिव मंडल की संपन्न बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार राजकीय प्रोजेक्ट एवं उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों के लिए अधिसूचित सेवा शर्त नियमावली की कमियों को यथाशीघ्र सुधारने की मांग की है. सेवा निरंतरता के अंतर्गत माध्यमिक उच्च माध्यमिक में नियुक्त होने वाले शिक्षकों की अधिसूचना निर्गत होने की तिथि से वेतन का लाभ देने की बात स्वीकारी गई है. जबकि संघ की मांग रही है कि इसे भूतलक्षी प्रभाव से लागू किया जाए और माध्यमिक स्तर अथवा उच्च माध्यमिक स्तर के पद पर नियुक्त होने वाले शिक्षकों को दोनों सेवाओं का लाभ जोड़ते हुए वरीयता का लाभ भी दिया जाए. बयान में कहा गया है कि बहुतेरे शिक्षकों पुस्तकालय अध्यक्षों को भी प्रोन्नति का कोई अवसर उपलब्ध नहीं है और उनकी सेवा 14 वर्ष से अधिक हो गई है.
अतः उन्हें 10 वर्ष 20 वर्ष और 30 वर्ष की सेवा पर ऊपर के ग्रेड पर में प्रोन्नति देने का प्रावधान पुराने शिक्षकों के समान लागू किया जाए. इससे सभी शिक्षकों और पुस्तकालय अध्यक्षों में संतुष्टि का भाव पैदा होगा महिला शिक्षकों और दिव्यांग शिक्षकों की भांति दूसरे जिले में पदस्थापित अन्य सभी शिक्षकों को भी अंतर जिला स्थानांतरण की सुविधा के आधार पर दी जाये नियमावली में प्रधानाध्यापक को और पुस्तकालय अध्यक्षों को आकस्मिक अवकाश पर दी जाने वाली छुट्टियों अर्जित अवकाश और चिकित्सा अवकाश आदि की स्वीकृति का अधिकार नियोजन इकाई के कार्यपालक पदाधिकारी को दी गई है. इसे और सरल बनाते हुए प्रधानाध्यापक को दी जाए नियमावली मैं ईपीएफ की सुविधा की सीलिंग ₹15000 निर्धारित है.
इसे पूरे वेतन तक शिक्षकों की इच्छा अनुसार विस्तारित किया जाए सचिव मंडल ने सरकार से यह भी अनुरोध किया है कि सेवा शर्त नियमावली में वरीयता सूची निर्मित करने प्रधानाध्यापकों के वेतनमान निर्धारण और प्रोन्नति की प्रक्रिया निर्धारित करने आदि मामलों के संबंध में आगे गाइडलाइन तैयार करने की बात कही गई है ऐसे अनेक विषयों पर संगठन से विमर्श कर वेतन आदि का निर्धारण और प्रक्रिया तय की जाए बयान में कहा गया कि अभी तक सरकार ने जो कदम उठाया है शिक्षकों के सातवें वेतनमान की विसंगतियों को दूर करते हुए माध्यमिक शिक्षकों के लिए रखी थी लेकिन सरकार ने इसे अस्वीकार कर दिया मात्र 15% की बढ़ोतरी दिनांक 1 अप्रैल 2021 से करने का निर्णय लिया है बयान में मांग किया गया है कि माध्यमिक शिक्षकों को पंचायती राज व्यवस्था से अलग करने और सातवें वेतनमान के लेवल 7 और 8 को लागू किया जाए केदारनाथ पांडे अध्यक्ष शत्रुघ्न प्रसाद सिंह महासचिव
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