आज भी अल्पसंख्यकों के बीच क्यों है नीतीश कुमार को लेकर दीवानगी
सिटी पोस्ट लाइव : आज जेडीयू की इफ्तार पार्टी से बीजेपी नेताओं ने दुरी बनाये रखा वहीं हम पार्टी के सुप्रीमो जीतन राम मांझी नीतीश कुमार के करीब दिखे. दरअसल, जेडीयू के नेता बशिष्ठ नारायण सिंह की तरफ से पटना के हज भवन में शाम साढ़े 6 बजे से इफ्तार पार्टी का आयोजन किया गया था.इस इफ्तार पार्टी में जीतन राम मांझी के पहुँचने को लेकर अटकलों का बाज़ार तो राजनीतिक गलियारे में गर्म हो ही गया था .लेकिन इस इफ्तार पार्टी में जो तस्वीर अल्पसंख्यकों के दीवानगी की दिखी ,वह काबिलेगौर थी. इफ्तार पार्टी में पहुंचे अल्पसंख्यक नीतीश कुमार की एक झलक पाने को बेताब दिखे.सभी नीतीश कुमार को छू लेना चाहते थे. सुरक्षा घेरे को तोड़कर वो नीतीश कुमार के करीब पहुँचने की कोशिश करते रहे. नीतीश कुमार जिंदाबाद और बिहार का सीएम कैसा हो, नीतीश कुमार जैसा हो, जैसे नारे लगा रहे थे .
लोक सभा चुनाव के बाद नीतीश कुमार पहलीबार अल्पसंख्यक जमात के बीच थे. अल्पसंख्यकों की इस दीवानगी को देखकर ये समझा जा सकता है कि अल्पसंख्यकों को बीजेपी से लाख परहेज हो लेकिन नीतीश कुमार आज भी उनके दिल दिमाग पर राज करते हैं. उन्हें लग रहा है कि नीतीश कुमार ही उनके हितों की रक्षा कर सकते हैं. वैसे भी जिस तरह से लोक सभा चुनाव में जेडीयू को अल्पसंख्यक बहुल ईलाकों में जो अप्रत्याशित सफलता मिली है ,उससे साफ़ जाहिर है कि अल्पसंख्यकों ने खुलकर उनका साथ दिया है.
गौरतलब है कि जेडीयू को बीजेपी से लोक सभा की ऐसी 9 सीटें मिली थीं जिसे बीजेपी पिछले चुनाव में हार चुकी थी और इस चुनाव में भी उसे जीतना उसके लिए बेहद मुश्किल था. ये ज्यादातर सीटें अल्पसंख्यक बहुल ईलाकों की थीं. किशनगंज को छोड़कर तमाम अल्पसंख्यक बहुल ईलाकों की सीटें जिस तरह से जीतने में जेडीयू कामयाब हुआ है, उससे एक बात तो साफ़ हो गई है कि बीजेपी के पक्ष में जो हवा थी ,उसे संतुलित करने के लिए अल्पसंख्यकों ने जमकर नीतीश कुमार का साथ दे दिया .
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