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एथलेटिक्स फेडरेशन को स्वर्ण बेटी’ हिमा नहीं अंग्रेजी बोलनेवाले की ज्यादा जरुरत

ठीक से अंग्रेजी नहीं बोल पाने के लिए गोल्डन गर्ल हिमा का फेडरेशन कर चूका है घोर अपमान

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सिटी पोस्ट लाइव : देश की 18 वर्षीय एथलीट हिमा दास ने इतिहास रच दिया है. हिमा ने एक दिन पहले (13 जुलाई) फिनलैंड के टैम्पेयर शहर में आयोजित IAAF विश्व अंडर-20 एथलेटिक्स चैंपियनशिप की 400 मीटर दौड़ में गोल्ड मेडल जीता है. इस दौड़ को पूरा करने में उन्‍हें 51.46 सेकंड लगे. हिमा की जीत का जश्न पूरा देश मना रहा है.राष्ट्रपति से लेकर देश के तमाम राजनीतिक और फ़िल्मी हस्तियाँ फेमा को बधाई दे रहे हैं. उनके ऊपर फक्र मह्सुश कर रही हैं.लेकिन एएफआई को शायद हिमा जैसा  प्रतिभाशाली खिलाड़ियों से ज्यादा अच्छी अंग्रेजी बोलने वालों की जरूरत है.

जी हां , एक ऐसी खबर सामने आई है जिसे सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे. खबर है कि फाइनल में जाने से पहले एथेलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ने हिमा दास का सिर्फ इसलिए अपमान किया था क्योंकि हिमा को अंग्रेजी  बोलनी नहीं आती थी. दरअसल, हिमा के सेमीफाइनल जीतने के बाद एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से एक एक ट्वीट किया गया था. इस ट्वीट में फेडरेशन ने हिमा को उनकी खराब इंग्लिश के चलते घेरा था. फेडरेशन की तरफ से जारी इस ट्वीट में लिखा था, “सेमीफाइनल में जीत दर्ज करने के बाद हिमा दास ने मीडिया से बातचीत की. इंग्लिश अच्छी नहीं है, फिर भी अपना बेस्ट दिया. फाइनल में और ज्यादा अच्छा करने की कोशिश करना.”

एएफआई के लोग भारत भक्ति से ज्यादा अंग्रेजी भक्ति जिस तरह से दिखा रहे हैं और हिंदी बोलनेवाली खिलाड़ियों का अपमान कर रहे हैं, इन्हें भारत से इंग्लैंड भेंज देना चाहिए. ये भारत में रहते जरुर हैं लेकिन भारतीय संस्कृति, भाषा और भारतीयता से इनका कोई लेनादेना नहीं है.  हालांकि फेडरेशन ने अपने इस ट्वीट के लिए माफी मांग ली है.लेकिन सवाल ये उठता है कि क्या ये अपराध माफी के लायक है. इसका फैसला तो जनता ही करेगी.

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