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“राजनीति विशेष” : नीतीश का आनंद प्रेम, वर-वधु को आशीर्वाद देने पहुंचे सीएम

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“राजनीति विशेष” : नीतीश का आनंद प्रेम, वर वधु को आशीर्वाद देने पहुंचे सीएम

सिटी पोस्ट लाइव : राजनीतिक समीक्षक पूर्व सांसद आनंद मोहन को सजा कराने में सबसे बड़ा गुनहगार नीतीश कुमार को बताते रहे हैं। हमने इस बाबत हालिया दिनों में भी पूर्व सांसद आनंद मोहन को कुरेदकर सच उगलवाना चाहा लेकिन पूर्व सांसद आनंद मोहन ने नीतीश कुमार सहित किसी भी नेता पर कोई खास टिप्पणी नहीं कि और कहा कि यह सच है कि वे बेकसूर हैं लेकिन माननीय सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को स्वीकार कर,उन्होंने अपना जीवन बलिदान कर दिया। नीतीश कुमार,पहले भी आनंद मोहन को अपना पुराना साथी बताते रहे हैं ।2009 में नीतीश कुमार आनंद मोहन के पैतृक गाँव सहरसा जिले के पंचगछिया गए थे, जहां उन्होंने आनंद मोहन की भतीजी को विवाहोपरांत आशीर्वाद दिए थे और आनंद मोहन की माँ गीता देवी से खुद आशीर्वाद भी लिए थे ।उस समय नीतीश कुमार ने कहा था कि आनंद मोहन उनके परिवार के अंग हैं ।बाद में रिश्ते में खटास आयी और तल्खी बढ़ती गयी ।

राजनीतिक समीक्षक पूर्व सांसद आनंद मोहन को सजा कराने में किसी ना किसी रूप में जिम्मेवार ठहराते रहे हैं ।लेकिन बीते 22 नवंबर को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जिस ताजगी और गर्मजोशी के साथ जेल में कैद पूर्व सांसद आनंद मोहन के रिश्तेदार की शादी में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई,वह कई अनकही सच्चाई को बेपर्दा करने वाला है ।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 22 नवंबर की रात पटना के भागवत नगर के ब्लेसिंग जोन में पूर्व सांसद लवली आनंद के भतीजा डॉ अभिनव की शादी समारोह में शिरकत किया ।इस मौके पर मुख्यमंत्री के साथ विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी और जल संसाधन मंत्री संजय झा भी मौजूद रहे ।बाद में बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी भी शादी में पहुँचकर,एक नया संदेश दिया ।पूर्व सांसद लवली आनन्द की उपस्थिति में माननीय मुख्यमंत्री ने वर डॉ अभिनव और वधु डॉ नूपुर को आशीर्वाद दिए ।

नीतीश कुमार का,इस शादी में शिरकत करना,इस बात की तकसीद कर रहा है कि सियासी खिचड़ी पक रही है और यह आनंद मोहन की रिहाई का रास्ता साफ हो रहा है,इसकी पहली किश्त है ।इस शादी समारोह ने यह साबित कर दिया है कि पूर्व सांसद आनंद मोहन,नीतीश कुमार के गाढ़े संपर्क में हैं और उनकी रिहाई की तैयारी चल रही है ।सरकार के भीतरखाने से हमें जो जानकारी मिल रही है,उसके मुताबिक आनंद मोहन 2020 में अपनी सुविधा देखकर रिहाई चाहते हैं ।आनंद मोहन की रिहाई के लिए अभी हो रहे और आगे होने वाले सारे आंदोलन,रिहाई की रणनीति का एक हिस्सा है ।वैसे पूरा बिहार जानता है कि आनंद मोहन सवर्ण सहित सर्वसमाज के चहेते नेता रहे हैं ।इसमें कोई शक नहीं है कि जेल से बाहर निकलते ही आनंद मोहन आगे जिस नेता और पार्टी की ओर जाएंगे,वह भरपूर सियासी लाभ ले जाएंगे ।ऐसे में सोसल इंजीनिरिंग के महारथी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार,आनंद मोहन को अपने पाले में रखने की हर जुगत करेंगे ।

वैसे आनंद मोहन की रिहाई से पहले,नीतीश और आनंद के बीच राजनीतिक नफा-नुकसान को लेकर हर चीज तय हो चुकी होगी ।हमारी जानकारी के मुताबिक आनंद मोहन आने वाले समय में,नीतीश कुमार के लिए संजीवनी साबित होने वाले हैं ।2020 के विधानसभा चुनाव में आनंद मोहन,निसन्देह सत्ता की मजबूत सीढ़ी साबित होंगे ।पटना के इस शादी समारोह में पूर्व सांसद आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद,अंशुमान मोहन,बेटी सुरभि आनंद और फेंड्स ऑफ आनंद के प्रांतीय प्रवक्ता पवन राठौर ना केवल मौजूद रहे बल्कि नीतीश कुमार की खातिरदारी में कोई कमी ना रह जाये,इसमें भी लगे रहे ।

जेल में भी बेहद खास रहे हैं आनंद मोहन

जेल में रहते हुए भी पूर्व सांसद आनंद मोहन बिहार सहित देश की राजनीति में पुरजोर दखल रखते रहे हैं ।खासकर बिहार विधानसभा और लोकसभा चुनाव के समय सत्ताधारी दल से लेकर विरोधी खेमे के नेता आनंद मोहन पर ना केवल उनपर डोरे डालते रहे हैं बल्कि उन्हें अपने पाले में लेकर सत्ता पर काबिज भी होते रहे हैं ।इसी साल हुए लोकसभा चुनाव में आनंद मोहन के निर्देश पर आनंद मोहन समर्थकों ने एनडीए की भरपूर मदद की ।नीतीश कुमार कई चुनावी मंचों से आनंद मोहन का आभार प्रकट करते रहे ।आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद और उनके बड़े बेटे चेतन आनंद लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार,अमित शाह और राजनाथ सिंह जैसे नेताओं के साथ दमदार तरीके से मंच साझा करते रहे ।

उस वक्त ऐसा प्रतीत हो रहा था कि 2 अक्टूबर तक आनंद मोहन की रिहाई हो जाएगी लेकिन सूत्रों के मुताबिक शर्तों की राजनीति में कहीं कोई पेंच फंस गया और आनंद मोहन जेल में ही रह गए ।यहाँ यह बताना बेहद जरूरी है कि बिहार की राजनीति में सम्पूर्ण क्रांति के नायक जयप्रकाश नारायण,कर्पूरी ठाकुर और बिंदेश्वरी दुबे के परिवार का कोई भी आज राजनीति के निचले पायदान पर भी नहीं है ।कोसी के गांधी कहे जाने वाले लहटन चौधरी,रमेश झा और परमेश्वर कुंवर की राजनीति का अवसान वर्षों पूर्व हो चुका है ।इनके परिवार से कोई राजनीति की अलख जगाने वाले नहीं रहे ।ऐसी परिस्थिति में,आनंद मोहन की राजनीति में दमदार पैठ और धमक उनके किरदार को बेहद मजबूत और बेमुकाबिल साबित कर रहा है ।14 वर्षों के जेलवास के बाद,जम आनंद मोहन जेल से बाहर निकलेंगे,तब निश्चित तौर पर बिहार की पूरी राजनीतिक हवा बदलेगी और कुछ बड़ा जरूर होगा ।

पीटीएन मीडिया ग्रुप के मैनेजिंग एडिटर मुकेश कुमार सिंह की खास रिपोर्ट

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