अपना CM बनाने को बेकरार BJP, तेजस्वी यादव से भी सहयोग लेने को है तैयार
BJP नेता ने लालू यादव और तेजस्वी की तारीफ़ की, कहा-लालू आस्था तो तेजस्वी व्यवस्था के प्रतिक.
अपना CM बनाने को बेकरार BJP, तेजस्वी यादव से भी सहयोग लेने को है तैयार.
सिटी पोस्ट लाइव : BJP और JDU के बीच सबकुछ ठीकठाक नहीं है. दोनों दलों के शीर्ष नेता न बोलकर अपने पार्टी के नेताओं कार्यकर्ताओं को आगे कर एक दुसरे पर दबाव बनाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं. प्रशांत किशोर ने सीट शेयरिंग का फार्मूला देकर हंगामा मचा दिया तो अब बीजेपी के विधान पार्षद व् वरिष्ठ नेता संजय पासवान ने सीधे नीतीश कुमार के नेत्रित्व पर सवाल उठा दिया है. संजय पासवान और बीजेपी के दूसरे नेता तो CM की कुर्सी पर दावेदारी पहले ही करते रहे हैं लेकिन अब तो संजय पासवान ने दो कदम आगे बढ़ते हुए यहाँ तक कह दिया है कि बिहार की जनता मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बीजेपी का CM देखना चाहती है.
CM की कुर्सी को लेकर बीजेपी के नेता इस कदर आक्रामक हैं कि किसी भी हदतक जाने को तैयार हैं. संजय पासवान ने यहाँ तक कह दिया कि जरुरत पडी तो BJP अपना सीएम बनाने के लिए RJD से भी सहयोग लेने को तैयार है. इतना ही नहीं, संजय पासवान ने लालू यादव और तेजस्वी यादव की तारीफ़ में जमकर कशीदे भी गढ़े. उन्होंने लालू यादव को आस्था और तेजस्वी यादव को व्यवस्था का प्रतिक बता दिया. संजय पासवान ने तेजस्वी की तारीफ़ करते हुए कहा कि वो तेजी से उभरते हुए युवा नेता हैं. उनको साथ लेकर चलने में बीजेपी को कोई परेशानी नहीं है.
सवाल ये उठता है कि संजय पासवान इतना सबकुछ अपने मन से कह रहे हैं या फिर पार्टी के निर्देश पर. राजनीतिक पंडितों का मानना है कि बीजेपी एक अनुशासित पार्टी है. उसके नेता वगैर शीर्ष नेत्रित्व के ईशारे के इतना बड़ा बयान नहीं दे सकते. जब सिटी पोस्ट लाइव ने संजय पासवान से ये पूछा कि आपके नेता तो बारबार ये कह रहे हैं कि नीतीश कुमार के नेत्रित्व में ही NDA चुनाव लडेगा, संजय पासवान ने कहा कि पार्टी के कार्यकर्त्ता भी बार बार कह रहे हैं कि 15 साल बहुत हो गया अब BJP का सीएम होना चाहिए.
संजय पासवान ने कहा कि शिव सेना जिस तरह से महाराष्ट्र में ढाई ढाई साल CM बनाने की मांग कर रहा था, कम से कम उस फार्मूले के तहत BJP का ढाई साल के लिए CM जरुर बनाना चाहिए. संजय पासवान ने नीतीश कुमार को एक काम चलाऊं CM तक कह दिया. संजय पासवान ने कहा कि कुछ नहीं से कुछ होना बेहतर है. यहीं हाल नीतीश कुमार का है.
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