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अमित शाह के “मिशन 40 फतह” के फ़ॉर्मूले से बढ़ जायेगी नीतीश कुमार की चुनौती

'मोदी लहर' में हार जानेवाली लोक सभा सीटों पर जेडीयू को उतारने की बीजेपी की है तैयारी

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सिटी पोस्ट लाइव : बीजेपी के चुनाव अभियान की तैयारी का विधिवत श्री गणेश कल अमित शाह पटना में करेगें. अमित शाह बुधवार को रांची में हैं और गुरुवार को पटना में होगें . ये सामान्य दौरा नहीं है बल्कि चुनावी दौरा है , बीजीपी की तैयारी से साफ़ दीखता है. अमित शाह बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ मैराथन मीटिंग के अलावा दिन में दो बार सीएम नीतीश कुमार से मिलेंगे. इस मुलाकात में कुछ ऐसे एजेंडे हैं, जिन पर अमित शाह और नीतीश कुमार  खास तौर पर विचार-विमर्श करेंगे.पार्टी सूत्रों के अनुसार इस बार अमित शाह सिमांचल के उन सीटों को जीतने की रणनीति मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ मिलकर बनायेगें, जिसे बीजेपी मोदी लहर में भी नहीं जीत पाई थी.

अमित शाह के इस दौरे का मकसद 40 की 40 सीटों पर एनडीए की जीत सुनिश्चित करना है. दरअसल, बिहार में लोकसभा की 40 सीटें हैं और इन सीटों को उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार में बांटा गया है. बिहार का सीमांचल इलाका दोनों दलों के लिये सबसे महत्वपूर्ण है, क्योंकि ये क्षेत्र अल्पसंख्यक बहुल हैं. जानकारी के मुताबिक बीजेपी के अध्यक्ष जेडीयू के राष्ट्रिय अध्यक्ष से मिलकर सीमांचल पर ज्यादा फोकस करने के लिए कहेगें .नीतीश कुमार के सेक्यूलर क्रेडेंशियल को ध्यान में रखते हुए बीजेपी जेडीयू को ज्यादा से ज्यादा सिमांचल की उन सीटों को देने की कोशिश कर रही है ,जिसके ऊपर मोदी लहर का भी कोई असर नहीं हुआ था .

दरअसल, नीतीश कुमार के चहरे को सीमांचल में भुनाना और साथ ही आजमाना चाहती है बीजेपी .बीजेपी का 40 का मिशन वगैर सिमांचल के पूरा होनेवाला है नहीं. सिमांचल में अल्प-संख्यक  मतदाता ही किसी भी पार्टी का भाग्य तय करते हैं. ऐसे में नीतीश कुमार को बीजेपी अपने मिशन-40 को फतह करने के लिए लगाना चाहती  है. सूत्रों के अनुसार सिमांचल की ज्यादातर सीटें जेडीयू को देने मन बीजेपी बना चुकी है.बिहार में  7 लोक सभा सीटें ऐसी हैं, जो बीजेपी मोदी लहर में भी नहीं जीत पाई थी.बीजेपी इन्ही सीटों पर जेडीयू के उम्मीदवारों को उतारकर जीतना चाहती है. लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या अल्पसंख्यक बहुल ईलाकों की ईन सीटों से जेडीयू चुनाव लड़ना चाहेगी ? क्या  सीमांचल में नीतीश का सेक्यूलर इमेज कोई बड़ा गुल खिला पायेगा ?

गौरतलब है कि 2014 लोकसभा चुनाव में एनडीए 40 सीटों में कुल 31 सीटें जीतने में कामयाब रहा था. अब चूंकि जेडीयू एनडीए का हिस्सा है, ऐसे में कुल 33 सीटों पर एनडीए का कब्जा है. बाकी की सात सीटों पर आरजेडी, कांग्रेस और दूसरे दल काबिज हैं. अमित शाह और नीतीश कुमार के बीच बातचीत में इन सीटों पर भी मंत्रणा होने की संभावना है. बीजेपी का सिमांचल जीतने का यह यह फार्मूला नीतीश कुमार के लिए बहुत बड़ी चुनौती बन सकता है. अगर वो अल्प-संख्यक बहुल क्षेत्रों की सीटों से चुनाव लड़ने से मना करेगें तो भी नहीं करेगें तो भी चुनौती कम नहीं होनेवाली .मना करने पर अल्पसंख्यकों के बीच गलत सन्देश जा सकता है और अगर नहीं मन किया तो बीजेपी के साथ होने का खामियाजा उन्हें सिमांचल में भुगतना पड़ सकता है.

सोमनाथ पाण्डेय 

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