सिटी पोस्ट लाइव : कोरोना की वजह से पिछले साल अपने पूर्वजों का पिंडदान नहीं कर पानेवाले लोगों के लिए एक अच्छी खबर है.अगर कोरोना की तीसरी लहर ने कहर नहीं धाय तो इस साल गया में 19 सितम्बर से पितृपक्ष मेला का आयोजन होगा.इस बार गृह विभाग की ओर से धार्मिक आयोजनों की अनुमति दी गई है. ऐसे में पितृपक्ष मेले को लेकर भी लोगों में उम्मीद है. पर्यटन मंत्री नारायण प्रसाद (Minister Narayan Prasad) ने कहा है कि मेले को लेकर अभी कोई स्पष्ट निर्देश नहीं है. पितृपक्ष मेला में अभी एक पखवारे का समय है. फिर भी उम्मीद है कि इस बार पितृपक्ष मेले का आयोजन होगा. उन्होंने आगे कहा कि अभी कोरोना की स्थिति को देखते हुए स्थिति का अध्ययन किया जा रहा है. जल्द ही मुख्यमंत्री के स्तर से इस पर निर्णय लिया जा सकता है.
पितृपक्ष 19 सितंबर से शुरू हो रहा है, मगर गया में लगने वाले विश्वप्रसिद्ध पितृपक्ष मेले (World Famous Pitrupaksha Mela in Gaya) के आयोजन को लेकर अभी तक संशय बना हुआ है. पिछली बार भी कोरोना (Covid19) के कारण मेले का आयोजन नहीं हुआ था. सूत्रों के अनुसार, मेले की घोषणा से अधिक भीड़ उमड़ने की आशंका है, जो कोरोना काल को देखते हुए घातक हो सकती है. ऐसे में बिना मेले के विधिवत घोषणा के ही पिंडदान व अन्य कर्मकांड का आयोजन करने की छूट मिल सकती है.
गौरतलब है कि पितृपक्ष मेले में देश भर से श्रद्धालु अपने पितरों का श्राद्ध व पिंडदान करने के लिए आते हैं. एक माह पहले से ही इसकी तैयारी शुरू हो जाती है. मेले में बस 18 दिनों का समय रह गया है, मगर अभीतक मेले की तैयारी को लेकर कोई पहल नहीं हुई है. हालांकि, अनलाक-6 में विष्णुपद मंदिर का पट खोलने से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आ रहे हैं और कर्मकांड भी हो रहा है. इस बार पितृपक्ष मेला का आयोजन होगा कि नहीं इसको लेकर पांडा समाज भी संशय में है. कोरोना के मामले नियंत्रण में आने के बाद संभावना व्यक्त की जा रही है कि 19 तारीख से पिंडदान को लेकर अच्छी संख्या में श्रद्धालु गया आ सकते हैं.
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