City Post Live
NEWS 24x7

विश्व के सबसे बड़े-उंच्चे इस्कॉन मंदिर के निर्माण पर एनजीटी का ग्रहण

- Sponsored -

- Sponsored -

-sponsored-

सिटी पोस्ट लाइव : दुनिया के सातवें आश्चर्य पर एक बड़ा ग्रहण लग गया है. उत्तर प्रदेश के वृंदावन में इस्कॉन द्वारा बनाए जा रहे 70 मंजिला मंदिर के निर्माण पर रोक लगाने की मांग की गई है.इस संबंध में  राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) में एक याचिका दायर की गई. पर्यावरण कार्यकर्ता मणिकेश चतुर्वेदी ने दुनिया के सबसे बड़े मंदिर के निर्माण को रोकने की मांग की है. याचिका में कहा गया है कि मंदिर की बाउंड्री के चारों ओर कृत्रिम तालाब होगा. इसके लिए जमीन से बड़े पैमाने का पानी का दोहन किया जाएगा. इससे यमुना नदी की अस्तित्व की सीमा तक पानी में कमी आ सकती है.

याचिका में कहा गया है कि इस ऊंचे मंदिर के निर्माण से भूजल का स्तर गिर जाएगा. पर्यावरण को नुकसान पहुंचेगा.  धार्मिक सोसाइटी और केंद्रीय ग्राउंड वाटर अथॉरिटी को नोटिस भी जारी कर दिया गया है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि इस्कॉन द्वारा बनाए जाने वाले वृंदावन चंद्रोदय मंदिर के निर्माण से यमुना के आसपास का पर्यावरण प्रभावित होगा. क्षेत्र का भूजल स्तर पर भी असर पड़ेगा. एनजीटी के जस्टिस आदर्श कुमार गोयल ने इंटरनेशनल सोसाइटी और सीजीडब्लूए से 31 जुलाई से पहले जवाब मांगा है.

गौरतलब है कि इस्कॉन बेंगलुरु द्वारा 300 करोड़ रुपये की लागत से दुनिया के सबसे महंगे मंदिर का निर्माण मथुरा में किया जा रहा है. इस मंदिर की ऊंचाई 7 सौ फीट होगी.निर्माण 5,40,000 वर्ग फीट में किया जाएगा. इस मंदिर के लिए  26 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया है. मंदिर का कुल क्षेत्रफल 62 एकड़ होगा जिसमे 12 एकड़ पार्किंग और हेलीपैड के लिए सुरक्षित रखा जाएगा . चंद्रोदय मंदिर दो सौ मीटर से अधिक ऊंचा होगा. साढ़े पांच एकड़ के इलाक़े में बनने वाले इस मंदिर में 70 मंजिलें होंगी.

अभी दुनिया की सबसे ऊंची धार्मिक इमारत मिस्र के पिरामिड हैं, जो कि 128.8 मीटर ऊंचा है. वहीं वेटिकन का सेंट पीटर बैसेलिका 128.6 मीटर ऊंचा है. रॉकेट के आकार का चंद्रोदय मंदिर भूकंप प्रतिरोधी होगा. इसके निर्माण में 45 लाख घन फीट कंक्रीट और करीब साढ़े 25 हज़ार टन लोहे का इस्तेमाल होगा.

-sponsored-

- Sponsored -

Subscribe to our newsletter
Sign up here to get the latest news, updates and special offers delivered directly to your inbox.
You can unsubscribe at any time

-sponsored-

Comments are closed.