सिटी पोस्ट लाइव :सावन में बाबा भोलेनाथ को जल चढाने जानेवाले कावरियों की आस्था देखते बन रही है. कांवड़िया पथ पर आस्था का जन सैलाब कावरियों के रूप में नजर आ रहा है.किन्नर भी किसी से पीछे नहीं हैं.बाबा भोले के प्रति किन्नरों की आस्था देखकर लोग हैरान हैं.वो खुद तो बाबा को जल चढाने जा ही रहे हैं साथ ही रास्ते में कावरियों की खूब सेवा भी कर रहे हैं.मुंगेर कांवड़िया पथ पर इस सावन के महीने में तरह-तरह के कांवड़ियों के दर्शन होते हैं. किन्नर समाज भी. बाबा की भक्ति में डूबे ये किन्नर भी देवघर पैदल जा रहे हैं. देवों के देव महादेव शंभू, हर हर शंभू… शंभू… शंभू… के जयकारों से कांवड़िया पथ गूंज रहा है. श्रावणी मेला में हर दिन कांवड़िया पथ पर शिवभक्तों की भीड़ सुबह से ही शाम तक रहती है. हर वक्त एक जैसा नजारा. हर वक्त आस्था की लहर.
किन्नरों को उपेक्षा की नजर से देखने वाले अगर उनकी आस्था और भक्ति देख लें तो उनकी सोंच बदल जायेगी.सावन यात्रा पर. किन्नरों का यह ग्रुप सुल्तानगंज से जल भरकर बाबाधाम के लिए चलेगा.किन्नर कांवड़ियों का जत्था सुल्तानगंज से जल भरकर बाबा बैजनाथ का जलाभिषेक करने निकल पड़ा है.किन्नर वाराणसी से भी पहुंचे हैं. पिछले 10 वर्षों से किन्नर 18 का जत्था बाबाधाम जाता है. कोलकाता, वाराणसी, पटना सहित अन्य जगहों के किन्नर एकसाथ जुटते हैं और बाबाधाम की यात्रा में शामिल होते हैं.
सबसे ख़ास बात ये है कि किन्नर रास्ते में थके-हारे कांवरियों की सेवा करते हुए बाबा भोले के दरबार में पहुंचते हैं और जलाभिषेक करते हैं.उपेक्षित नजरिए से या खुद से भिन्न मानने वाले ये लोग इनकी आस्था देखकर अहसास कर रहे हैं कि ये भी हमारे साथ के और इसी भारतीय समाज का ही हिस्सा हैं.सावन का महीना सबसे बेहतर होता है. कांवड़ियों के रूप में लगभग तमाम समाज, संस्कृति के लोग अपने कांवड़ संग निकल पड़ते हैं .
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