City Post Live
NEWS 24x7

बिहार के शिक्षा मंत्री के बयान से भड़का संत समाज.

अयोध्या के संतों ने किया मंत्री की जीभ काटनेवाले को 10 करोड़ ईनाम देने का ऐलान.

-sponsored-

- Sponsored -

-sponsored-

सिटी पोस्ट लाइव :बिहार के शिक्षा मंत्री डॉ. चन्द्रशेखर के रामचरित मानस पर दिए गए विवादित बयान को लेकर संत समाज में बहुत आक्रोश व्याप्त है.अयोध्या के संतों ने उन्हें मंत्री पद से बर्खास्त करने की मांग शुरू कर दी है.अयोध्या के संत जगतगुरु परमहंस आचार्य ने रामचरित मानस पर आपतिजनक बयान देनेवाले शिक्षा मंत्री से माफ़ी मांगने की मांग करते हुए कहा है कि अगर ऐसा वो नहीं करते हैं तो उनकी जुबान काटने वाले को 10 करोड़ रूपये का ईनाम देगें.

मंत्री ने मनु स्मृति और रामचरितमानस को समाज में नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बता दिया है.उन्होंने कहा- रामचरित मानस समाज में दलितों-पिछड़ों और महिलाओं को पढ़ाई से रोकता है. उन्हें उनका हक दिलाने से रोकता है.डॉ. चन्द्रशेखर ने कहा कि संघ और नागपुर से जुड़े लोग समाज में नफरत फैलाते हैं. संबोधन के दौरान उन्होंने रामचरितमानस का दोहा अधम जाति में विद्या पाए, भयहु यथा अहि दूध पिलाए… पढ़ते हुए कहा कि यह समाज में नफरत फैलाने वाला ग्रंथ है. अधम का मतलब होता है नीच, नीच जाति के लोगों को शिक्षा ग्रहण करने का अधिकार नहीं था, नीच जाति के लोग शिक्षा ग्रहण करके जहरीले हो जाते हैं जैसे कि सांप दूध पीने के बाद हो जाता है.यह समाज में दलितों-पिछड़ों और महिलाओं को पढ़ाई से रोकता है. उन्हें उनका हक दिलाने से रोकता है.

अयोध्या के संतो ने मंत्री के बयान को सनातन धर्म का अपमान बताया है.उन्होंने मंत्री के खिलाफ कानूनी कारवाई की मांग करते हुए कहा है कि मंत्री के बयान से संत समाज बेहद आहत है.संतों का कहना है कि रामचरित मानस समाज को तोड़ने का नहीं बल्कि जोड़ने का काम करता है.यह मानवता की स्थापना का ग्रन्थ है.यह भारतीय संस्कृति का स्वरूप है और भारत का गौरव है.

-sponsored-

- Sponsored -

Subscribe to our newsletter
Sign up here to get the latest news, updates and special offers delivered directly to your inbox.
You can unsubscribe at any time

- Sponsored -

Comments are closed.