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रामचरितमानस विवाद पटना महावीर मंदिर की बड़ी पहल.

गोस्वामी तुलसीदास रचित रामचरितमानस सामाजिक सद्भाव का है प्रेरक महाकाव्य.

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सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के द्वारा रामचरितमानस को लेकर दिए एक विवादास्पद बयान को लेकर बिहार की सियासत गरमाई हुई है.रामचरितमानस को लेकर राजनीतिक दलों के नेताओं की ओर से भी अपने-अपने तर्क दिए जा रहे हैं. रामचरितमानस में क्या सही है और क्या गलत, को लेकर राजनीतिक व सामाजिक स्तर पर वाद-विवाद जारी है.इस बीच पटना के हनुमान मंदिर की ओर से एक बड़ी पहल की जा रही है .

पटना हनुमान मंदिर के आचार्य किशोर कुणाल ने रामचरितमानस के कुछ पंक्तियों को लेकर भ्रांतियों को दूर करने के लिए पटना के प्रसिद्ध महावीर मंदिर की तरफ से देश भर से विद्वानों की गोष्ठी बुलाई है. 22 जनवरी को विद्यापति भवन में आयोजित होनेवाली इस गोष्ठी में शामिल होने वाले जो भी वक्ता इच्छुक हैं, 20 जनवरी तक प्रस्ताव दे सकते हैं. उन्हें अपने तथ्यों के साथ रामचरितमानस के पक्ष-विपक्ष में बोलने का अवसर मिलेगा.आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि पक्ष-स्थापन से गोष्ठी की शुरुआत होगी और इस पर चर्चा होगी.

गोस्वामी तुलसीदास रचित रामचरितमानस सामाजिक सद्भाव का प्रेरक महाकाव्य है जो लोगों की महान आस्था का महत्व रखती है. लोकभाषा में इसकी रचना गोस्वामीजी ने इसलिए ही की थी; ताकि धार्मिक तथा सामाजिक स्तर पर सभी वर्गों के लोगों को एकसाथ जोड़ते हुए समाज और राष्ट्र को मजबूत किया जा सके.ऐसे पवित्र ग्रंथ पर सवाल उठने की असहज स्थिति में महावीर मंदिर पटना के द्वारा सामाजिक सद्भाव के प्रवर्तक गोस्वामी तुलसीदास विषय पर एक विद्वद्-गोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है.

यह गोष्ठी दिनांक 22 जनवरी को विद्यापति-भवन, पटना में 1:00 बजे दिन से शुरू होगा.इसमे पक्ष एवं विपक्ष में विद्वानों के विचार आमंत्रित हैं, ताकि लोगों में फैलती जा रही भ्रान्तियां दूर हो सके.गौरतलब है कि बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने रामचरित मानस को नफ़रत फैलानेवाला ग्रन्थ बताकर एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है.साधू संत समाज तो आहत है ही साथ ही कांग्रेस पार्टी और जेडीयू के नेता भी मंत्री के खिलाफ कारवाई की मांग कर रहे हैं.

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