सिटी पोस्ट लाइव : चार दिवसीय छठ महापर्व का आज तीसरा दिन है. इसे डाला छठ के नाम से भी जाना जाता है. आज डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. मंगलवार की रात खरना का प्रसाद खाने के बाद से व्रती निर्जला उपवास कर रहे हैं. अर्घ्य के वक्त घाट में हजारों की भीड़ जुटेगी. इसके प्रशासन द्वारा सभी तैयारियां पूरी कर ली गई. वहीं लोगों ने डाला सजा लिया है और घाटों के लिए निकल भी गए हैं.
अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के बाद कल पारण है. इसके साथ ही छठ का चार दिवसीय त्योहार समाप्त हो जायेगा. बता दें तीसरे दिन शाम को बांस की टोकरी में फलों, ठेकुआ, चावल के लड्डू आदि से अर्घ्य का सूप सजाया जाता है, जिसके बाद व्रती अपने परिवार के साथ सूर्य को अर्घ्य देती हैं. इसके साथ ही चौथे दिन सुबह उगते हुए सूर्य को दूसरा अर्घ्य दिया जाएगा और अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण किया जाएगा.
बड़ी संख्या में लोगों ने अपने घर के आंगनों, बगीचों और छतों पर भी सूर्य को अर्घ्य देने के लिए पानी जमा किया है. इसी पानी में उतर कर व्रती फलों से भरा सूप उठाएंगे और सूर्य को अर्पित करेंगे। यह इस भावना के साथ है कि जिस सूर्य ने हमें अन्न दिया हम सबसे पहले उसे श्रद्धा भाव के साथ अर्पित कर रहे हैं। पूरे अनुशासन के साथ। निर्जला की सात्विकता के साथ। इस मायने में यह प्रकृति पर्व है। समाज की हर जाति के सम्मान के साथ है. सूर्य से सीधे जुड़ने के साथ है. बीच में कोई माध्यम नहीं है.
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