22 मार्च से नवरात्रि शुरू, नाव पर माता का आगमन.
मां दुर्गा का नाव पर आगमन और हाथी पर प्रस्थान, जानें यह कितना शुभ है या अशुभ.
सिटी पोस्ट लाइव : चैत्र महीने माँ दुर्गा की अराधना से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.इसबार नवरात्रि में मां दुर्गा का आगमन और प्रस्थान दोनों ही विश्व कल्याण के लिए शुभ संकेत दे रहा है.22 मार्च से नवरात्रि शुरू हो रहा है. बुधवार होने के कारण इस बार देवी का आगमन नाव पर हो रहा है, जो शुभ है. उनका गमन 31 मार्च 2023 को होगा, जो शुक्रवार होने के कारण उनका प्रस्थान गज वाहन पर अर्थात मां भगवती हाथी पर जाएंगी, जो शुविस्टी कारक योग है यानी वर्षा होगी, जो सबके लिए शुभ कारक होगा.
इस नवरात्रि में रेमंत पूजा 23 मार्च को है और बैलनऊती 27 मार्च को होगा. वहीं, 28 मार्च को रात्रि निशा पूजा होगी. उसके बाद 29 मार्च को महा अष्टमी व्रत और अशोक अष्टमी पर्व भी है.इस दिन अशोक वृक्ष की कली का पान करने से पित्त दोष का शमन होता है यानी पेट से संबंधित रोगों से निजात मिलती है. 30 मार्च को महानवमी व्रत, त्रिशूलणि पूजा और रामनवमी होगी. वहीं, 31 मार्च को अपराजिता पूजा, देवी विसर्जन, जयंती धारण, नवरात्र व्रत पारण, राम नवमी व्रत पारण, यात्रा करना प्रस्तत माना गया है.
माता भगवती की किस प्रकार से पूजा करनी है. कैसे मां भगवती आपकी कष्ट और पीड़ा हरेगी. इसके लिए योग्य कर्मकांडी ब्राहमण से सलाह लेकर उसके जरिये नवरात्र में माता दुर्गा के 9 दिन का अनुष्ठान करवाना चाहिए.कलश की स्थापना कर विधि विधान से दुर्गा सप्तसती के पाठ के अनुष्ठान से सारी मनोक्म्नाएं पूरी होती हैं.
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