लाल-गुलाबी-पीले पत्थरों व ग्रीनबेल्ट से सजेगा महाबोधि कॉरिडोर.
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर विकसित होगा, 73 एकड़ में बनेगा महाबोधि कॉरिडोर,
सिटी पोस्ट लाइव : बोधगया के दिन बहुरने वाले हैं. बनारस के काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर महाबोधि कॉरिडोर बनाने की योजना है.यह काॉरिडोर लाल-गुलाबी व पीले पत्थरों से तैयार होगा. ये पत्थर राजस्थान से मंगाए जाएंगे. महाबोधि मंदिर के चारों ओर, खासकर निरंजना नदी के तटीय क्षेत्र का सौंदर्यीकरण होगा.गौरतलब है कि यूनेस्को ने भी महाबोधि मंदिर परिसर को विश्व धरोहर घोषित करते समय उसके चारों ओर की सांस्कृतिक परिदृश्यों की रक्षा पर जोर दिया था. इसके तहत 1892 के कनिंघम के बोधगया पुरातात्विक स्थलों के नक्शे को आधार बनाया जा रहा है. उसी के आधार पर उत्खनन का भी प्रस्ताव है.
महाबोधि आर्कियोलॉजिकल प्रोजेक्ट : मंदिर के आसपास 59790 वर्गमीटर क्षेत्र में खुदाई की जाएगी. अभी महाबोधि विहार मंदिर से सटी जमीन के अंदर है. यहां भी खुदाई की जाएगी. केंद्र ने कहा है कि यूनेस्को को 2002 में दिए गए विहार के प्लान के हिस्से को किसी भी तरह के निर्माण से मुक्त रखा जाए. सीओ बोधगया कमल नयन कश्यप के अनुसार पर्यटन विभाग को जमीन हस्तांतरण की रिपोर्ट भेज दी गई है. कॉरिडोर लैंड बैंक के लिए प्रस्तावित सभी जमीनों के हस्तांतरण की प्रक्रिया प्रखंड स्तर पर पूरी हो गई है.
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