City Post Live
NEWS 24x7

पटना महावीर मंदिर पर हनुमानगढ़ी अयोध्या ने ठोका दावा.

- Sponsored -

-sponsored-

- Sponsored -

सिटी पोस्ट लाइव :. पटना जंक्शन महावीर मंदिर (Mahavir Mandir Patna) पर अयोध्या के हनुमानगढ़ी ने अपना दावा ठोक दिया है.हनुमानगढ़ी ने बिहार धार्मिक न्यास पर्षद को भेजे पत्र में कहा है कि इसका स्वामित्व उसके पास है.ये दावा करने के पहले हनुमानगढ़ी अयोध्या (Hanumangarhi Ayodhya) ने एक महीने तक कई जगहों पर हस्ताक्षर अभियान चलाया.हनुमानगढ़ी अयोध्या के संतों का आरोप है कि आचार्य किशोर कुणाल ने मंदिर पर जबरन कब्जा जमा रखा है.मंदिर के दलित साधू को अपमानित कर भगा दिया है.इतना ही नहीं, हनुमानगढ़ी मंदिर की तरफ से पटना पहुंचे साधुओं ने मंदिर के धन का दुरुपयोग का आरोप किशोर कुणाल पर लगाया है.

धार्मिक न्यास पर्षद की तरफ से आचार्य किशोर कुणाल ने प्रेस वार्ता कर इसे बेबुनियाद करार दिया है.हनुमानगढ़ी अयोध्या के दावे के बाद बिहार धार्मिक न्याय परिषद की तरफ से आचार्य किशोर कुणाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए अपनी बातें सामने रखीं. उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के समय से ही पटना महावीर मंदिर बड़ी जिम्मेदारी संभाल रहा है. पटना महावीर मंदिर, राम मंदिर के निर्माण में हर साल 2 करोड़ रुपए की सहयोग राशि दे रहा है. इसके साथ ही अयोध्या में महावीर मंदिर की तरफ से चलाई जा रही राम रसोई ने भी देश भर में ख्याति प्राप्त की है. महावीर मंदिर के द्वारा न सिर्फ धार्मिक कार्य किए जा रहे हैं, बल्कि पटना में कई बड़े अस्पताल चलाए जाते हैं. महावीर मंदिर की तरफ से ही पटना का कैंसर अस्पताल, बच्चों का वात्सल्य अस्पताल सहित कई सुविधाएं लोगों को दी जा रही हैं. कुछ लोग इसकी लोकप्रियता से परेशान हैं और ऐसे में बेबुनियाद दावा कर रहे हैं.

हनुमानगढ़ी अयोध्या के महंत श्रीप्रेमदास ने हनुमानगढ़ी के पुजारी के जरिये महावीर मंदिर पर अपना स्वामित्व जताने की कोशिश की है. गौरलतब है कि महावीर मंदिर पटना में मंदिर प्रबंधन द्वारा समय- समय पर नए पुजारी नियुक्त किये जाते हैं. हनुमानगढ़ी अयोध्या सहित कई धर्मस्थलों से पुजारी नियुक्त होते रहे हैं. जब भी कोई शिकायत आती है तो नियम के अनुसार हटाये भी जाते है. महावीर मंदिर एक न्यास समिति के द्वारा चलता है और कभी भी किसी पुजारी को मालिकाना हक नहीं दिया जाता. कुछ महीने पहले महावीर मंदिर प्रबंधन ने एक पुजारी उमाशंकर दास को निकाला था, जिसे सामने रखकर यह दावा किया जा रहा है.

ताजा विवाद के मद्देनजर आचार्य किशोर कुणाल ने 15 अप्रैल 1948 के पटना हाईकोर्ट के खंडपीठ के एक निर्णय का भी हवाला दिया. उन्होंने कहा कि कोर्ट ने महावीर मंदिर को सार्वजनिक मंदिर पहले ही घोषित कर रखा है. किशोर कुणाल ने कहा कि ऐसे दावों की जानकारी जून में ही लग गई थी. इसके बाद तमाम दस्तावेज बिहार धार्मिक न्याय पर्षद को दे दिया गया.

-sponsored-

- Sponsored -

-sponsored-

Comments are closed.