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पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डेय बोले- चित्तशोधन के लिए करता हूं भागवत कथा

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सिटी पोस्ट लाइव: बिहार के पूर्व डीजीपी श्री गुप्तेश्वर पाण्डेय एकबार फिर से देश में चर्चा में हैं. इस बार भागवत कथा करने की वजह से आकर्षण के केंद्र बने हुए हैं. देश भर की मीडिया उनसे यहीं जानने को बेताब है कि राजनीति में आने के लिए डीजीपी जैसे महत्वपूर्ण पद से इस्तीफा देने के बाद वो अचानक भागवत कथा क्यों करने लगे. श्री पाण्डेय कहते हैं कि राजनीति में आने का मकसद कुछ और था. वो चाहते थे कि विधायक बनकर वो जनता की सेवा करने का एक नया मानक स्थापित कर दें. दलितों-शोषितों-वंचितों की आवाज बनकर ये दिखा दें कि एक विधायक क्या कर सकता है. लेकिन प्रबध में राजनीति नहीं था इसलिए मौका नहीं मिला. उन्होंने कहा कि उन्हें राजनीति में नहीं आने का कोई मलाल नहीं है और ना ही किसी से कोई शिकवा शिकायत है. उन्होंने कहा कि एक डीजीपी से ज्यादा सुख सुविधा-मां सम्मान और पॉवर विधयक को नहीं है . उन्होंने तो एक प्रयोग करने के लिए कोशिश की थी लेकिन नहीं कर पाया तो इसके लिए कोई दूसरा दोषी नहीं है.

श्री पाण्डेय ने कहा कि अगर वो राजनीति में आ गये होते, विधायक,मंत्री बन गये होते तो भी वो जीवन भर राजनीति करनेवाले नहीं थे. उनका अंतिम लक्ष्य शुरू से ही अपने आपको जानना है. ईश्वर को समझना है. विद्यां बन भी जाते तो एक मानक स्थापित करने के बाद ईश्वर की भक्ति में ही लीन होते, जैसे वो आज हैं. उन्होंने कहा कि हर कोई आनंद के लिए ही जीवन में सबकुछ करता है. कोई नेता-मंत्री बनना चाहता है तो कोई अधिकारी. लेकिन जीवन का असली आनंद न तो नेता-मंत्री अधिकारी बनने में है और ना ही धन कमाने में है. जीवन में आनंद तो तभी होगा जब आपको इश्वर की अनुभूति होगी. ईश्वर के प्रति विश्वास और भक्ति जागेगी. उन्होंने कहा कि वो नहीं जानते कि भविष्य में उनकी क्या भूमिका होगी लेकिन इतना जरुर है कि अब कुछ बनने की इच्छा शेष नहीं है. मैंने अपने आपको इश्वर को समर्पित कर दिया है,इश्वर जैसे चाहेगा मेरा इस्तेमाल करेगा.

ये पूछे जाने पर कि क्या डीजीपी पद से इस्तीफा दिलवाकर आपको टिकेट नहीं देकर नीतीश कुमार ने आपको धोखा दिया है. श्री पाण्डेय ने कहा कि कोई किसी को धोखा नहीं दे सकता. सबकुछ अपने प्रारब्ध से मिलता है. राजनीति में नहीं आ सका तो हो सकता है कि मेरे में योग्यता नहीं होगी,ये मेरे प्रारब्ध में नहीं होगा.इसके लिए कोई दूसरा जिम्मेवार नहीं है. पाण्डेय ने कहा कि उनकी नजर में कोई उनका दुश्मन नहीं है. जो उनके बारे में अच्छा भाव रखते हैं या फिर ख़राब भाव उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता. वो सबकी मंगल की कामना करते हैं. उन्होंने कहा कि भगवत्त कथा कहने को लेकर जो मेरा मजाक उड़ा रहे हैं उन्हें भी मेरी शुभ कामना. किसी का इसमे दोष नहीं. सबकुछ चेतना के स्तर के कारण होता है. जिसकी चेतना जिस स्तर की होगी, वह वैसे ही चीजों को देखता और समझता है. उसमे उसका कोई दोष नहीं.

श्री पाण्डेय अयोध्या में एक सप्ताह तह भागवत कथा कहने को लेकर चर्चा में हैं. उन्होंने कहा कि भगवत कथा वो जीवन-यापन के लिए नहीं बल्कि चित्त शुद्धि के लिए कर रहे हैं. ईश्वर को प्राप्त करने या समझने के कई तरीके होते हैं. भागवत कथा भी उनमे से एक माध्यम है. गौरतलब है कि पाण्डेय को देश के कोने कोने से भागवत कथा के लिए निमंत्रण मिल रहा है. उन्होंने बताया कि अगले साल फ़रवरी तक उनका भागवत कथा का लगातार कार्यक्रम है. देश के कई राज्यों में तो है ही, सिंगापुर और आस्ट्रेलिया से भी निमंत्रण है. पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि अब मुझे भगवान के अलावे किसी किसी दूसरी चीज में रूची नहीं. मैं पहले से कथावाचन करते रहा हूं. यह कोई आज का नहीं बल्कि काफी समय से भगवत गीता का पाठ करते आ रहा हूं. किसी ने सोशल मीडिया मीडिया में तस्वीर डाल दी तो अब लोग जाने हैं कि मैं कथावाचक भी हूं.

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