सिटी पोस्ट लाइव : मकर संक्रांति को लेकर ज्योतिषियों में मतभेद है. जिसके कारण श्रद्धालुओं के बीच भी ऊहापोह की स्थिति है। आमतौर पर मकर संक्राति 14 जनवरी को मनाई जाती है। हालांकि, इस बार मकर संक्रांति का पुण्यकाल चौदह जनवरी दोपहर दो बजकर 43 मिनट से शुरू हो रहा है। ऐसे में उदयातिथि मानने वाले श्रद्धालु 15 जनवरी को पर्व मनाएंगे। कुछ ज्योतिषियों का कहना है कि 14 जनवरी, शुक्रवार को सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेगा, इसलिए इसी दिन मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा। वहीं कुछ का मत है कि 14 जनवरी की शाम को सूर्यदेव धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे, इसलिए अगले दिन यानी 15 जनवरी, शनिवार को स्नान, दान और पूजा आदि के लिए श्रेष्ठ रहेगा।
मकर संक्रांति पर सूर्य के उत्तरायण होने के बाद विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश आदि शुभ कार्य शुरू हो सकेंगे। श्रद्धालुओं में असमंजस को दूर करते हुए विद्वानों ने कहा है कि 14 जनवरी को मकर संक्रांति दोपहर बाद से शुरू हो रही है, जो पंद्रह जनवरी दोपहर बाद तक रहेगी। पंचांगों के अनुसार सूर्य का मकर राशि में प्रवेश 14 जनवरी को दोपहर 2 बजकर 29 मिनट पर हो रहा है। मकर संक्रांति का पुण्य काल 2 बजकर 43 मिनट से शाम 5 बजकर 45 मिनट तक है।
मिथिला पंचांग के जानकार आचार्य माधवानंद (माधव जी) कहते हैं कि सूर्य धनु से मकर राशि में 14 जनवरी को ही प्रवेश कर रहा है। इसलिए 14 जनवरी को ही संक्रांति मनाया जाना शास्त्र के अनुरूप है। हालांकि बनारस पंचांग के जानकार उदया तिथि में संक्रांति मनाने का तर्क देते हैं। 14 जनवरी दोपहर में सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के बाद उदयातिथि 15 जनवरी पड़ने से बनारस पंचांग के विद्वान 15 जनवरी को मनाने की बात कह रहे हैं।
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