सिटी पोस्ट लाइव : आज महाशिवरात्रि के मौके पर भक्त भगवन शिव की आराधना में सराबोर हैं. जगह-जगह शिवालयों में भक्तों की भीड़ देखि जा रही है. इस बार महाशिवरात्रि पर त्रयोदशी और चतुर्दशी तिथियां पड़ रही हैं. इस लिए जलाभिषेक का महत्त्व और भी बढ़ गया है. हिंदू धर्मशास्त्रों के अनुसार, महाशिवरात्रि पर्व पर त्रयोदशी व चतुर्दशी में जलाभिषेक का विधान बताया गया है. त्रयोदशी तिथि 10 मार्च को दोपहर बाद 2.40 मिनट से शुरू हो रही है और यह 11 मार्च को 2.40 बजे त्रयोदशी समाप्त होगी उसके बाद तुरंत बाद चतुर्दशी प्रारंभ हो जाएगी.
बता दें गोपालगंज में जलाभिषेक करने के लिए सुबह से श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है. गोपालगंज शहर के सिनेमा रोड जहां प्राचीन शिव मंदिर है वहां पर लोग खासी संख्या में पूजा के लिए पहुंचे हैं. वहीं महाशिवरात्रि पर्व को लेकर पटना से सटे बिहटा स्थित अति प्राचीन बाबा बिटेश्वरनाथ मंदिर में जलाभिषेक को लेकर श्रद्धालुओं की भीड़ उमरी है. भागलपुर में भी बाबा वृद्धेश्वर नाथ मंदिर में महाशिवरात्रि को लेकर सुबह से ही भक्तों की लंबी कतार लगी हुई है. पिछले साल लॉकडाउन के दौरान मंदिरों के बंद रहने के कारण महाशिवरात्रि मैं भीड़ नहीं देखी गई थी लेकिन इस बार सुबह से ही काफी संख्या में भक्त मंदिर में पहुंचे रहे हैं.
गौरतलब है इस वर्ष महाशिवरात्रि पर विशेष योग बन रहा है. इस दिन शिव योग के साथ सिद्ध योग भी बन रहा है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन जलाभिषेक करने से शिव भक्तों पर शिव भगवान की कृपा बरसेगी. उनकी कृपा से शिव भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है. हिंदू शास्त्रों के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन महादेव की पूजा करते समय बिल्वपत्र, शहद, दूध, दही, शक्कर और गंगाजल से जलाभिषेक करना चाहिए. माना जाता है कि ऐसा करने से भगवान शिव की कृपा हमेशा बनी रहती है. इससे शिवभक्त को कभी किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता.