सिटी पोस्ट लाइव : गंगा घाट पर छठ पूजा करनेवाले लोगों के लिए जरुरी खबर है.पटना में 12 घाट ऐसे चिन्हित किए गए हैं जहां जाना खतरनाक हो सकता है. 4 घाट ऐसे हैं जहां जान को खतरा है और 8 घाट ऐसे हैं जहां गंगा के बजाए नाले का पानी बह रहा है. प्रशासन ने 12 घाटों को चिन्हित कर उन्हें प्रतिबंधित कर दिया है. खतरनाक घाटों को लाल रंग के कपड़े से घेरा गया है और वहां लाल लाइट लगाया गया है. सामान्य घाट पर सफेद पीला और सफेद नीला कपड़ा लगाकर सफेद लाइट लगाया गया है.
दलदल से कई घाट खतरनाक हो गये हैं.कंटाही घाट – (2 से 3 फीट दलदल),टेढ़ी घाट- ( 150 फीट की लंबाई में 2 से 3 फीट दलदल),महाराज घाट – (150 फीट की लंबाई में 2 से 3 फीट दलदल),मिरचई घाट – (2 से 3 फीट दलदल) है.अदालत घाट,मिश्री घाट,टीएन बनर्जी घाट,जजेज घाट,अंटा घाट,जहाज घाट,बी एन कॉलेज घाट और बांकीपुर घाट पर गंगा जल नहीं नालों का पानी है . छठ व्रत करने के लिए उपयुक्त नहीं है.पटना में दो घाट ऐसे हैं जहां अभी तैयारी चल रही है। इन घाटों पर भी श्रद्धालुओं को सावधानी से जाना होगा. प्रशासन का कहना है कि कलेक्ट्रेट घाट और महेंद्रू घाट पर संपर्क मार्ग की समस्या है. इन घाटों के संपर्क मार्ग पर पानी के साथ दलदल है. ऐसे में इन घाटों पर जाने के लिए बांस घाट से संपर्क मार्ग बनाने का काम चल रहा है.
पटना में खतरनाक घाटों और उपासना के लिए उपयुक्त नहीं होने वाले 12 घाटों की सूची जल संसाधन विभाग की टीम एवं मजिस्ट्रेट के निरीक्षण के बाद घोषित की गई है. डीएम पटना डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने लोगों से अपील की है कि व्रती के साथ श्रद्धालु इन घाटों पर छठ व्रत के लिए नहीं जाएं. वह पूजा उपासना के लिए अन्य घाटों का उपयोग करें. घाटों को खतरनाक घोषित करने के लिए दो ही कारण बताए गए हैं, एक दलदल और दूसरा नालों का पानी बहना.
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