चैती छठ का दूसरा दिन, खरना पूजा आज, शुक्रवार को होगा व्रत संपन्न
सिटी पोस्ट लाइव : छठ पूजा हिन्दू धर्म में मनाया जाने वाला महत्वपूर्ण पर्व है जिसे बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है. ऐसे तो यह पर्व दिल्ली, मुंबई, जैसे बड़े शहरों में भी मनाया जाता है लेकिन पूर्वी भारत में इस पर्व की अलग ही छवि देखने को मिलती है. छठ पूजा का यह पर्व सूर्य देव की उपासना के लिए मनाया जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, छठी मैया सूर्य देव की बहन है. कहा जाता है छठ पर्व में सूर्य देव की उपासना करने से छठी मैया प्रसन्न होती हैं और घर में सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं. आज लोक आस्था का महापर्व चैती छठ पूजा का दूसरा दिन है. छठव्रती आज खरना का प्रसाद बनाएंगी और शाम में छठ माता को अर्पित कर प्रसाद ग्रहण करेंगी, जिसके बाद 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो जाएगा. गुरूवार को अस्ताचलगामी सूर्य को देने के बाद शुक्रवार को उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही चैती छठ का व्रत संपन्न हो जाएगा.
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, हिन्दू नववर्ष के पहले महीने चैत्र के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ का पर्व मनाया जाता है इसलिए इसे चैती छठ कहा जाता है. इंग्लिश कैलेंडर के हिसाब से यह मार्च-अप्रैल के महीने में मनाई जाती है. चैती छठ होली के कुछ दिनों बाद भारत के पूर्वी राज्यों में मनाई जाती है. खासतौर पर यूपी, बिहार, झारखंड और उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में. कार्तिक छठ की तरह चैती छठ भी चार दिनों तक मनाई जाती है जिसमे नहाय खाय, खरणा, संध्या घाट और भोरवा घाट शामिल है. चार दिनों तक चलने वाले इस महापर्व को छठ पूजा, छठी माई पूजा, डाला छठ, सूर्य षष्ठी पूजा और छठ पर्व के नामों से भी जाना जाता है.
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