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एक ऐसा मंदिर जहां सावन महीने में रविवार को होता है भोलेनाथ का जलाभिषेक

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सिटी पोस्ट लाइव : सावन महीने में देश के सभी शिवालयों में जलाभिषेक का विशेष महत्व होता है. ये हर सोमवार को होता है इसीलिए इसे सोमवारी भी कहा जाता है. लेकिन एक ऐसा भी शिवालय है जहां सोमवार के बदले रविवार को ही जलाभिषेक किया जाता है. बिहार के सीतामढ़ी से तरीबन 35 किलोमीटर दूर सोनबर्षा ब्लॉक के मढिया में बाबा मनकेश्वरनाथ धाम अवस्थित है. इस धाम के शिवलिंग पर सोमवार के बदले रविवार को ही जलाभिषेक होता है. बताया जाता है कि रविवार को जल चढ़ाने से बाबा मनवांछित इच्छा पूरी करते हैं.हालांकि यह परम्परा कब से चली आ रही है, इसका पुख्ता प्रमाण किसी के पास नहीं है. भक्तों का मानना है कि सावन के महीने में बाबा मनकेश्वरनाथ का जलाभिषेक सच्चे दिल से किया जाए तो वो भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. यही वजह है कि रविवार को ही यहां जलभिषेक किया जाता है. ये परम्परा काफी प्राचीन समय से चली  आ रहा है. यहां तक कि ये मंदिर भी काफी प्राचीन है. लिहाज़ा इसका निर्माण कब हुआ इसकी जानकारी किसी को नही है. शिव भक्त मन्दिर से दूर लगभग 60 किलोमीटर दूर नेपाल के नूनथर पहाड़ी से पैदल जल भर कर मदरीया बाबा मनकेश्वरनाथ मंदिर पहुचते हैं.

नूनथर से मदरीया तक के रास्ते में शिव भक्तों के लीए स्थानीय निवासी जगह जगह पानी और ठहरने का इंतेज़ाम करते हैं. शिव भक्तों का स्वागत भी बड़ी धूम धाम से की जाती है. भक्तों में हिंदुस्तान के अलावे हज़रो की तादाद में पड़ोसी देश नेपाल के भी आते हैं. जलाभिषेक का सिलसिला शनिवार देर रात्रि के बाद शुरू हो जाता है, जो रविवार को दिनभर चलता है. चारों तरफ बाबा बम-बम भोले के जयकारों से गुंजायमान हो उठता है. ऐसा प्रतीत होता है जैसे स्वर्गलोक पृथ्वी पर उतर आया हो. सभी भक्तों का उत्साह देखने लायक रहता है. 60 किलोमीटर की पैदल यात्रा के बाद भी भक्तों के चेहरे पर थकन का नामोनिशान तक नही दिखता. इस दौरान मंदिर के आसपास मेले जैसा मंज़र होता है. समाजसेवी के द्वारा मेडिकल कैम्प भी लगाया जाता है. पुलिस द्वारा सुरक्षा के कड़े इंतजाम होते हैं.

विकाश चन्दन के साथ तरिक महमूद की खास रिपोर्ट

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