बेगूसराय का सिमरिया राजकीय कल्पवास मेला शुरू
सिटी पोस्ट लाइव :राष्ट्र कवी दिनकर की जन्म-भूमि बेगूसराय सिमरिया गंगा घाट पर राजकीय कल्पवास मेला शुरू हो चूका है.इस मेले ) का उद्घाटन रविवार को बिहार सरकार के श्रम संसाधन मंत्री , बेगूसराय के प्रभारी मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने किया.पूरे कार्तिक मास तक चलने वाले कल्पवास मेला के उद्घाटन समारोह में मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो, इसके लिए सरकार हरसंभव कार्य कर रही है. जाति-धर्म से ऊपर उठकर लोग यहां आते हैं. श्रद्धालुओं के हर सुविधा का ख्याल रखा जा रहा है.
गौरतलब है वर्ष 2012 में सिमरिया कल्पवास मेले को राजकीय मेला का दर्जा मिला था और उसके बाद सिमरिया में दो बार कुंभ का भी आयोजन हो चुका है.सिमरिया में गंगा तट पर कल्पवास मेला के दौरान श्रद्धालु एक महीने तक पर्ण कुटीर बनाकर रहते हैं. सुबह में गंगा में स्नान करते हैं. ऐसी मान्यता है कि राजा विदेह के समय से ही सिमरिया गंगा नदी तट पर कल्पवास मेले की परंपरा चली आ रही है.
मिथिला की सीमा से जुड़ा है सिमरिया. गंगा मिथिला वासियों के लिए आज भी यह सबसे ज्यादा धार्मिक आस्था का केंद्र है. आज भी मिथिला वासियों का कल्पस्थली और मोक्ष धाम सिमरिया ही है. राजा जनक ने अपनी अंतिम अवस्था मे यहीं कल्पवास के बाद प्राण त्याग किए थे.शंकराचार्य को पराजित करनेवाले मिथिला के विद्वान मंडन मिश्र और उनकी विदुषी पत्नी भारती को मोक्ष यहीं मिला. कविवर विद्यापति को भी यहीं कल्पवास और मोक्ष की प्राप्ति हुई थी.
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