सिटी पोस्ट लाइव : हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष 4 बार नवरात्रि मनाई जाती है जिसमें से चैत्र और शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व होता है.दो गुप्त नवरात्रि होती है जिसमें तांत्रिक क्रियाएं होती है. नवरात्रि पर देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा-उपासना की जाती है. 22 मार्च से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होने जा रही हैं. इसी के साथ नया हिंदू वर्ष विक्रम संवत 2080 भी शुरु हो जाएगा. इस बार चैत्र नवरात्रि का पर्व बहुत ही खास रहने वाला होगा क्योंकि 110 साल बाद नवरात्रि पर महासंयोग बनने वाला है.
नवरात्रि का त्योहार देशभर में बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है. नवरात्रि का पर्व मां दुर्गा की पूजा-उपासना करने का महापर्व माना जाता है. विदिशा के पंडित लखन प्रसाद शास्त्री के अनुसार हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल चैत्र नवरात्रि का पर्व चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरु हो जाता है. इस दिन कलश स्थापना के साथ मां के पहले स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा आराधना की जाती है. पंचांग के मुताबिक चैत्र माह की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 21 मार्च की रात्रि के 10 बजकर 55 मिनट पर हो जाएगी लेकिन उदया तिथि के अनुसार चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 22 मार्च को होगी.
विदिशा के पंडित लखन प्रसाद शास्त्री के अनुसार इस बार चैत्र नवरात्रि की शुरुआत बेहद ही शुभ संयोग में होने जा रही है. ज्योतिष गणना के मुताबिक देवी दुर्गा के महापर्व की शुरुआत 4 योगों के निर्माण के साथ होगी. वहीं इस बार चैत्र नवरात्रि पर देवी दुर्गा नौका पर सवार होकर अपने भक्तों को आशीर्वाद देने के लिए पृथ्वी पर आएंगे. नौका पर देवी के आगमन को शुभ माना जाता है. इसके अलावा भक्तों के जीवन में सुख-समृद्धि भी लेकर आएंगी. इस बार नवरात्रि पूरे 9 दिनों तक रहेगा क्योंकि तिथियों में इस बार किसी तरह का कोई घटत या बढ़त नहीं होगी.
इस बार मीन राशि में सूर्य, गुरु, चंद्रमा और बुध ग्रह रहेंगे. मीन राशि में ग्रहों की युति से बुधादित्य योग, गजकेसरी योग और हंस योग का महासंयोग भी बनेगा. इस विक्रम संवत के राजा बुध और मंत्री शुक्र देव होंगे. ऐसे में पूरे साल व्यापार, शिक्षा के क्षेत्र में अच्छी प्रगति देखने को मिलेगी और जीवन में सुख-समृद्धि और सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिलेगा.वहीं अगर नवरात्रि के शुरुआत होने पर बनने वाले योगों की बात करें तो शुक्ल और ब्रह्रा योग में होगी. ऐसे में इस बार की चैत्र नवरात्रि बहुत ही शुभ फलदायी रहने वाली है.
नवरात्रि के दौरान आठवां दिन महाष्टमी की पर्व मनाया जाता है. चैत्र नवरात्रि के आखिरी दिन महानवमी का त्योहार मनाया जाएगा. इस दिन मां दुर्गा के सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा की जाती है. ऐसी मान्यता है कि मां दुर्गा और महिषासुर राक्षस के साथ लगातार नौ दिनों तक भीषण युद्ध हुआ था और नौवें दिन मां ने महिषासुर का वध किया था. इसके आलावा चैत्र नवरात्रि के आखिरी दिन राम नवमी का त्योहार मनाया जाता है. राम नवमी पर भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के पर्व के रूप में मनाया जाता है.
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