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नवरात्रि का पहला दिन आज, पटना के मंदिरों में उमड़ी भक्तों की भारी भीड़

शारदीय नवरात्रि का पावन पर्व आज 10 अक्टूबर से शुरू हो चुका है.आज होगी शैलपुत्री की पूजा

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नवरात्रि का पहला दिन आज, पटना के मंदिरों में उमड़ी भक्तों की भारी भीड़

सिटी पोस्ट लाइव (पंडित शंकरचरण त्रिपाठी ): शारदीय नवरात्रि का पावन पर्व आज 10 अक्टूबर से शुरू हो चुका है. मां नवदुर्गा का अनुष्ठान आज से शुरू हो चूका है. इस पावन पर्व के पहले दिन भक्तों को उनके दो रूपों के दर्शन होंगे.  आज नवरात्र के पहले दिन पटनासिटी के अगमकुआं शीतला मंदिर में सुबह से भक्तों की भीड़ देखी जा रही है. भक्त मंदिर में स्थापित मां की पूजा आराधना कर रहे हैं. आज मंदिरों में पूरे विधि विधान के साथ प्रथम माँ शैलपुत्री की पूजा की जा रही है. कलश स्थापना आज से हो रही है.सुबह चार बजे से ही भक्तों के लिए मंदिर का पट खोल दिए गए हैं.

ज्योतिष की गणना के अनुसार प्रतिपदा और द्वितीया तिथि एक ही दिन है. नवरात्र मे एक तिथि का क्षय हो रहा है. जिसके चलते यह पर्व नव दिन के ना होकर आठ दिन का ही रहेगा. साल में कुल चार नवरात्र होते हैं. जिनमें से दो गुप्त रहते हैं. इन चारों में सबसे अधिक महत्व शारदीय नवरात्र का है. यह पावन पर्व लोगों को 9 प्रमुख बुराइयों से बचने की सीख देता है.

पौराणिक कथाओं के अनुसार जब अपने पिता प्रजापति दक्ष के यहां अपने पति शंकर जी के अपमान से गुस्साई  माता पार्वती ने योगाग्नि में स्वयं की आहुति दे दी. जिसके बाद उन्होंने शैलराज हिमालय की पुत्री के रूप में जन्म लिया. जिसके चलते उन्हें शैलपुत्री के नाम से जाना जाता है. पार्वती और हैमवती उनके ही नाम हैं.माना जाता है कि नवरात्र की शुरुआत भगवान राम ने की थी. राम ने समुद्र के किनारे शारदीय नवरात्र में मां नवदुर्गा की पूजा कर इसका आरंभ किया था. यहां भगवान ने लगातार नव दिन मां की पूजा की थी. जिसके बाद आदिशक्ति ने उन्हें लंका विजय का आशीर्वाद दिया था. जिसके बाद शरदकाल में हर वर्ष नवरात्र मनाने की प्रथा शुरू हुई.

आज बुधवार को प्रतिपदा और द्वितीया तिथि है. जिसके चलते दूसरी तिथि का क्षय माना गया है. जिससे शैलपुत्री और ब्रह्मचारिणी देवी की पूजा एक ही दिन होगी. वहीं पंचमी तिथि पर मां स्कंदमाता की आराधना की जाती है. यह तिथि 13 और 14 अक्तूबर को दोनों दिन रहेगी. जिसके चलते भक्तों को स्कंदमाता की पूजा का अवसर दो दिन मिलेगा.

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