युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने राहत पैकेज पर उठाये सवाल, वित्त मंत्री के पास आर्थिक ज्ञान नहीं
सिटी पोस्ट लाइव : युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ललन कुमार ने बताया कि वित्त मंत्री जी का अगले तीन महीने के राहत पैकेज निराशाजनक था। कुमार ने सवाल किया कि वो दुकानदार या व्यापारी कहा से अपना पेट भरे जिनकी दुकानदारी बंद है। ऐसे दुकानदार लोग कहा से बैंक का किस्ती भरेंगे। आखिर ऐसे लोगों के लिए कोई राहत पैकेज क्यों नहीं। वो ट्रांसपोर्टर जिनकी गाडिय़ां बंद है कहा से अपने परिवार का पेट पालेंगे और अपनी गाड़ी का किस्ती बैंक को भरेंगे। जो व्यापारी कार लोन लिए हैं कैसे अपना किस्त भरेंगे। इस पर पैकेज क्यों नहीं?
ललन कुमार ने सवाल किया कि लोग घर बैठे हैं कैसे अपना बिजली बिल भुकतान करेंगे? आखिर फ्री बिजली क्यों नहीं। लोगों का इनकम नही है कैसे लोग अपना होम लोन भरेंगे आखिर इसपर पैकेज क्यों नहीं। वर्तमान सरकार और इनके वित्तमंत्री के पास कोई आर्थिक ज्ञान नहीं है और मैं नहीं समझ पाया हॅू ऑरगेनाइज्ड सेकटर सेक्टर के पीएफ कॉन्ट्रिब्यूशन का 24 प्रतिशत गर्वेमेंट अपने सर पर लेकर एक्स्ट्रा बोझ क्यों बढ़ाया अगर लेना ही था तो सिर्फ म्प्लायर का 12 प्रतिशत लेना था न कि एम्पलॉई का 12 प्रतिशत अगर एम्प्लोयी को सैलरी मिल ही रही है तो सरकार ने अपने ऊपर 12 प्रतिशत एक्स्ट्रा बोझ क्यों लिया? सरकार किसानों को मात्र 2000 प्रथम कि़स्त किसानों को दे रही है, क्या होगा इस रकम से, ऊंट के मुंह मे जीरा?
सरकार को बताना चाहूंगा कि वर्तमान त्रासदी में न कोई गरीब है और न कोई अमीर आज व्यापारी, दुकानदार सभी लोग घर बैठे हैं उनके लिए क्या प्लान है सरकार के पास? हां एक बात से और अचंभित हूूॅ जहां जान बचाने की पड़ी है वहां सरकार ने एसएचजी का कॉलेक्ट्रल लोन एमाउंट को 10 से 20 लाख किया है ये भी समझ के परे है। मोदी जी को अपना वित्त मंत्री के आर्थिक ज्ञान की विवेचना करनी चाहिए।
बता दें बिहार में सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर समीक्षा बैठक की। इस बैठक के बाद बिहार के लोगों के लिए राहत पैकेज की घोषण की गई है। बिहार सरकार राज्य के सभी राशन कार्डधारियों को एक माह का अनाज मुफ्त देने जा रही है। इसके अलावा प्रदेश के सभी पेंशनधारियों को तीन माह का अग्रिम भुगतान किया जाएगा।
बिहार सरकार ने लॉकडाउन वाले इलाकों के सभी राशन कार्डधारियों को प्रति परिवार एक हजार रुपए देने की भी घोषणा की है। यह राशि डीबीटी के माध्यम से सीधा उनके खाते में ट्रांसफर होगी। इसके अलावा पहली क्लास से 12वीं क्लास के बच्चे तक को छात्रवृत्ति 31 मार्च से पहले दी जाएगी। साथ ही स्वास्थ्य कर्मियों को एक माह का अतिरिक्त मूल वेतन प्रोत्साहन राशि के तौर पर दिया जाएगा। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री राहत कोष से गुरुवार को बिहार सरकार ने ₹100 करोड़ की राशि जारी करने की घोषणा की. इस राशि का उपयोग लॉकडाउन (Lockdown) के कारण बिहार में फंसे मजदूर, रिक्शा चालक, ठेला वेंडर एवं अन्य गरीबों के लिए आपदा राहत केंद्र बनाने में किए जाएंगे.
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