सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के खिलाफ सोशल मीडिया में कमेंट करना एक लम्पट को महंगा पड़ गया. गौरतलब है कि एससी-एसटी समाज (SC-ST society) से आने वाले किसी भी व्यक्ति की हत्या होनेपर उस परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का कानून बिहार सरकार बनाने जा रही है. इस फैसले को लेकर सियासी गलियारों से लेकर सोशल मीडिया (Social media) तक में तीखी प्रतिक्रिया देखी जा रही है. खास तौर पर सवर्ण समाज और पिछड़े वर्ग में काफी रिएक्शन देखी जा रही है. इसी क्रम में कैमूर में एक युवक को सीएम नीतीश कुमार पर आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए जेल की हवा खानी पड़ गई है.
युवक पर आरोप है कि उसने सीएम नीतीश के साथ ही एससी-एसटी के लोगों के लिए आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया. उसने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. इसी बात को लेकर कैमूर में भीम आर्मी (Bheem army) के सदस्यों ने भभुआ एससी-एसटी थाने में मामला दर्ज करवाया, जिसके बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए युवक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.
गौरतलब है कि युवक की टिप्पणी सोशल मीडिया पर वायरल (Viral on social media) होने के बाद भीम आर्मी के सदस्यों ने भभुआ एससी-एसटी थाना (Bhabhua SC-ST Police Station) में आवेदन दिया था और गिरफ्तारी की मांग की थी. यह भी चेतावनी दी थी कि पुलिस अगर 24 घंटे में आरोपी युवक को गिरफ्तार नहीं करती है तो हम आंदोलन करने को मजबूर हो जाएंगे. फिर क्या था पुलिस युवक की तलाश में छापेमारी में जुटी गई और भगवानपुर थाना क्षेत्र से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. भीम आर्मी के सदस्य रवि कुमार का कहना है कि उक्त युवक ने बिना वजह बिहार सीएम के साथ एससी-एसटी के लोगों पर आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया. इसके बाद अपशब्दों से भरे वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर कर वायरल भी कर दिया. इसी के खिलाफ थाना में आवेदन दिया गया जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई की और युवक को गिरफ्तार कर लिया.
कैमूर एसपी दिलनवाज अहमद ने बताया कि युवक का एक विडीयो वायरल हुआ था जिसमें आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग कर एक समुदाय को टारगेट किया गया था, इसी को लेकर युवक की गिरफ्तारी हुई है. साथ ही जिस मोबाइल से विडियो बना कर वायरल किया गया उसे बरामद किया गया और आगे कि कार्रवाई जारी है.नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सवाल किया है कि हत्या होने पर परिजन को नौकरी देने की घोषणा सिर्फ एक वर्ग को क्यों? सवर्णो, पिछड़ों और अति पिछड़ों की हत्या पर उनके परिजन को नौकरी क्यों नहीं दी जा सकती है?
Comments are closed.