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युनाइटेड डेमोक्रेटिक एलायंस बनायेगें यशवंत सिन्हा, बढ़ाएगें UPA-NDA की चुनौती

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सिटी पोस्ट लाइव : पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) बिहार विधान सभा चुनाव में अहम् भूमिका निभाने की तैयारी में जुटे हैं.अब यशवंत सिन्हा युनाइटेड डेमोक्रेटिक एलायंस का गठन कर बिहार के सभी छोटे बड़े दलों को मिलाकर एक नया दल बनाने जा रहे हैं. उनकी पार्टी आगामी बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2020) में एनडीए और यूपीए दोनों के खिलाफ चुनाव लड़ेगी. यशवंत सिन्हा ने कहा कि बिहार (Bihar) की जनता को अब तक सभी पार्टियों ने केवल धोखा देने का काम किया है.बिहार को एक नया विकल्प देने के लिए वो आये हैं.

हालांकि यशवंत सिन्हा भी कोरोना के संक्रमण के बीच चुनाव कराये जाने के पक्ष में नहीं हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण (Corona Virus) काल में अभी चुनाव कराने का उचित समय नहीं है.यशवंत सिन्हा के साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेंद्र यादव,पूर्व केन्द्रीय मंत्री  नागमणि,पूर्व सांसद अरुण कुमार और बिहार के पूर्व मंत्री नरेन्द्र सिंह समेत कई नेता खड़े हो गए हैं. पूर्णिया पहुंचे यशवंत सिन्हा ने कहा कि राम मंदिर का फैसला सुप्रीम कोर्ट ने दिया है. इस कारण किसी को इसपर राजनीति नहीं करनी चाहिए.

पूर्व वित्त मंत्री ने देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था पिछले तीन साल से मंदी के दौर से गुजर रही है. उन्होंने कहा कि पहले जहां आठ प्रतिशत विकास दर थी वो घटकर तीन प्रतिशत पर आ गई है. उन्होंने कहा कि बड़े अर्थशास्त्रियों का मानना है कि कोरोना को लेकर इस साल भारत की अर्थव्यवस्था 30 से 40 प्रतिशत तक कम होने की संभावना है.

पूर्णिया में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए यशवंत सिन्हा ने भारत की वर्तमान विदेश नीति पर भी काफी गंभीर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में भारत की किसी भी पड़ोसी देशों के साथ अच्छे संबंध नहीं है. चीन हमारे देश में लद्दाख में पंद्रह किलोमीटर अंदर घुसकर बैठा है. हम रोज बातचीत और मान-मनौव्वल कर भीख मांग रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिस नेपाल के साथ हमारा रोटी-बेटी का संबध था आज वो हमें आंख दिखा रहा है.

पूर्व विदेश मंत्री ने कहा कि इसके अलावा बांग्लादेश, मालदीव, श्रीलंका, अफगानिस्तान के साथ भी हमारे संबंध अच्छे नहीं हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की विदेश नीति असफल है. किसी के साथ जाकर गले मिल लेने से विदेश नीति अच्छा नहीं होता है. उन्होंने कहा कि जब वो विदेश मंत्री बने तो तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि सबसे पहले पड़ोसी देशों के साथ संबंध बनाइए. आज हमारे सभी पड़ोसी देश हमसे दूर हो रहे हैं.

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