झारखंड में कार्यकर्ताओं को जोड़कर भाजपा को सशक्त बनायेंगे: दीपक प्रकाश
सिटी पोस्ट लाइव, रांची: भारतीय जनता पार्टी ने पहले बाबूलाल के रूप में विधायक दल का नेता चुना और ठीक एक दिन बाद ही पार्टी के अध्यक्ष के पद का दायित्व दीपक प्रकाश को सौंपा। इससे साफ हो गया है कि भाजपा सूबे में एक बार फिर अपनी सियासी जमीन मजबूत करने में जुट गई है। बहुत सोच-समझकर शीर्ष नेतृत्व ने ऐसे कार्यकर्ता को अध्यक्ष बनाया है, जो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के तौर पर 1978 से जुड़ा रहा है। वनांचल आंदोलन के समय से भाजपा के निष्ठावान कार्यकर्ता के रूप में अपनी भूमिका निभा रहे दीपक प्रकाश पार्टी के सौम्य चेहरा माने जाते हैं। पार्टी में हर स्तर पर लोकप्रिय हैं, अपने मिलनसार स्वभाव के लिए जाने जाते हैं। पिछले कई दशकों से जिस प्रकार का जुड़ाव उनका पार्टी और कार्यकर्ताओं से रहा है। इससे पार्टी नेतृत्व का भरोसा उनके प्रति बढ़ा और उन्हें यह बड़ा दायित्व मिला। हिन्दुस्थान समाचार की डॉ. शारदा वंदना ने व पार्टी को मजबूत बनाने के प्रयासों और अगली रणनीति को लेकर दीपक प्रकाश से वार्ता की। यहां पेश हैं दीपक प्रकाश से हुई बातचीत के मुख्य अंश-
पार्टी ने आपको बहुत बड़ी जिम्मेवारी सौंपी है, कई चुनौतियां हैं पार्टी में नई ऊर्जा का संचार करना है, कैसे करेंगे?
मैं एक सामान्य कार्यकर्ता हूं, मुझे इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी गई है, जिसे मैं दिल से निभाउंगा। मेरा कण-कण, मेरा क्षण-क्षण भाजपा को समर्पित है। संघर्ष के रास्तों पर चलकर पार्टी के विचारधारा और जनाधार को बढ़ायेंगे। लंबे समय से पार्टी के लिये काम कर रहा हूं। प्रदेश के एक-एक कार्यकर्ता को व्यक्तिगत तौर पर जानता हूं। राज्य का कोई ऐसा प्रंखड नहीं है, जहां पार्टी के काम से नहीं गया हूं। सभी कार्यकर्ताओं को जोड़कर, उनको मान-सम्मान देकर झारखंड में भाजपा को सशक्त बनाना है। भाजपा में हर कार्यकर्ता का महत्व है, और कार्यकर्ता भी अपने दायित्व को खूब समझता है। मुझे पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ताओं को बस एक साथ लेकर चलना है।
बाबूलाल के पार्टी में आने से गुटबाजी बढ़ सकती है, क्या कहेंगे?
हम अतीत, वर्तमान और भविष्य के नेताओं के साथ काम कर चुके हैं। गोविन्दाचार्य, कैलाशपति मिश्र और अश्विनी कुमार जैसे लोगों से संगठनशास्त्र सीखा है। बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा और रघुवर दास जैसे सफल नेतृत्वकर्ताओं के साथ काम करने का अवसर मिला है। हमारे सभी सीनियर नेताओं का आशीर्वाद और उनके मार्गदर्शन के बदौलत पार्टी को नई ऊंचाई देने की कोशिश करेंगे।
भाजपा और संघ परिवार बीच रिश्ते के बारे में क्या कहेंगे?
हम सिर्फ सत्ता पाने के लिए भाजपा में काम नहीं करते हैं। हम अपने वैचारिक अधिष्ठान के बल पर राजनीति के माध्यम से देश को विश्व गुरू बनाने के लिए काम कर रहे हैं। संघ परिवार देश और समाज को आगे बढ़ाने के लिए जन-जन के बीच जाकर काम कर रहा है।
पार्टी सत्ता से दूर हो गई है, आगे की रणनीति क्या होगी, कैसे लोगों का भरोसा जीतेंगे?
शुरू से ही झारखंड संघ परिवार की उर्वरा भूमि रही है। 1967 में रोपना उरांव गुमला से विधायक बने थे। आज झारखंड में सरकार बनाने वाले सभी दलों को मिलाकर 52 लाख वोट मिले हैं, वहीं भाजपा को 50 लाख वोट मिले हैं। ये अंतर बहुत ज्यादा है। हम चुनाव हारे हैं, मैदान नहीं। एक-एक कार्यकर्ता को साथ लेकर भाजपा राज्य की जनता की आवाज बनेगी।
विपक्षी दल का आरोप है कि भाजपा ने राज्य की जनता के साथ धोखा किया, आप क्या कहेंगे?
झारखंड में भाजपा की सरकार जरूरी है, लेकिन सिर्फ सत्ता के लिए सरकार जरूरी नहीं है। सरकार इसलिए जरूरी है कि राज्य में विदेशी षडयंत्र चल रहा है। देश को तोड़ने वाली शक्तियां यहां सक्रिय हैं। उन्हें खत्म कर सशक्त राज्य बनाने के लिए भाजपा की सरकार झारखंड की जरूरत है। भाजपा की सरकार में हर वर्ग और हर क्षेत्र के लिए काम हुआ है। महिलाओं, नौजवानों, किसानों, गरीबों, आदिवासियों के विकास के लिए खूब काम हुआ है। गठबंधन की सरकार बने अभी दो महीने ही हुए हैं लेकिन जिस प्रकार का माहौल राज्य में बना है, जनता सबकुछ देख रही है। दिनदहाड़े निर्दोष व निहत्थे आदिवासियों को बहुत ही बेरहमी से चाईबासा में मार दिया गया। आएदिन नक्सली हिंसा की खबरें सामने आ रही हैं। कानून-व्यवस्था की स्थिति चिंताजनक है। दो महीने में ही लोग भाजपा की सरकार को याद करने लगे हैं। जनता हमें फिर आशा भरी नजरों से देख रही है, हमें प्रदेश की जनता को केन्द्र की योजनाओं को पहरेदारी करने के साथ ही सरकार की नाकामियों को बताना है।
Comments are closed.