City Post Live
NEWS 24x7

राजद से परहेज क्यों करने लगे सहयोगी दल, तेजस्वी की खामोशी पर भी उठ रहे सवाल?

-sponsored-

- Sponsored -

-sponsored-

राजद से परहेज क्यों करने लगे सहयोगी दल, तेजस्वी की खामोशी पर भी उठ रहे सवाल?

सिटी पोस्ट लाइवः लोकसभा चुनाव में बिहार में महागठबंधन का सूपड़ा साफ हो गया। बिहार की प्रमुख विपक्षी पार्टी राजद और उसके तीन सहयोगी दल रालोसपा, हम और वीआईपी पार्टी भी अपना खाता नहीं खोल सकी। हांलाकि करारी हार के सदमे से कई विपक्षी पार्टियों के नेता उबरते दिखायी दे रहे हैं लेकिन राजद नेता तेजस्वी यादव इस सदमें से उबरते दिखायी नहीं दे रहे हैं। खबर है कि वे दिल्ली में डेरा जमाए हुए हैं दूसरी तरफ चुनाव के बाद उनकी खामोशी भी सवालों के घेरे में है। दूसरी तरफ राजद के सहयोगी दल भी तेजस्वी से दूरी बनाते दिख रहे हैं। अब हालत यह है कि रिजल्ट आने के बाद से आरजेडी के मौजूदा सबसे बड़े नेता बने तेजस्वी यादव दिल्ली से वापस लौटने का नाम ही नहीं ले रहे और न ही कुछ बोल रहे हैं.

पूरी पार्टी में सन्नाटा सा छाया हुआ है. सहयोगी दल भी अब इधर उधर छिटकने लगे हैं. पार्टी की हालत तो यह हो गई है कि रघुवंश प्रसाद सिंह जैसे बड़े नेता आरजेडी को वापस ट्रैक पर लाने के लिए तेजस्वी की तरफ नहीं बल्कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तरफ देख रहे हैं. क्योंकि उन जैसे नेताओं को ऐसा लग रहा है कि 2015 में जिस तरह लालू-नीतीश एकजुट हुए थे, उस समय भी मुश्किलों में खड़ी आजेडी को संजीवनी मिली थी. अगर इस बार भी नीतीश कुमार फिर से साथ आ गए तो हताशा में जा रही आरजेडी फिर से अपने पैरों पर खड़ी होने लगेगी.

लोकसभा की हार ने नेता से लेकर कार्यकर्ताओं को हिलाकर रख दिया है. हार की समीक्षा को लेकर जब बैठक हुई तो तेजस्वी के नेता बने रहने पर सभी ने अपनी सहमति तो दे दी, लेकिन सभी यह मान भी रहे कि रणनीति बनाने, मुद्दे चुनने, उम्मीदवार तय करने में भारी चूक हुई. जिसरा खामियाजा पार्टी को उठना पडा. पार्टी के बड़े नेताओं में नाराजगी इस बात को लेकर भी है कि चुनाव के दौरान सभी को दरकिनार कर तेजस्वी यादव ने वही किया, जो वे चाहते थे.

-sponsored-

- Sponsored -

Subscribe to our newsletter
Sign up here to get the latest news, updates and special offers delivered directly to your inbox.
You can unsubscribe at any time

-sponsored-

Comments are closed.