सिटी पोस्ट लाइव : महागठबंधन से बाहर निकलने के बाद हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) हॉट केक बन गया है.सबसे ख़ास बात ये है कि राष्ट्रीय जनता दल (RJD) पर गठबंधन धर्म नहीं निभाने का आरोप लगाकर बाहर हुए हम प्रमुख जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) महागठबंधन से अलग जरूर हो गए हैं. लेकिन आगे वे किसके साथ जाएंगे इसपर उन्होंने अपने पत्ते नहीं खोले हैं. ऐसे में बिहार की राजनीति में अहम फैक्टर बने मांझी पर अब सबकी निगाहें टिकी हुई हैं. इस बीच जेडीयू के अलावा असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम, पप्पू यादव और यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) से उनके संपर्कों की खूब चर्चा भी हो रही है.
महागठबंधन से अलग होने के बाद हम ने जेडीयू के साथ अपने संबंधों को विस्तार देने की पूरी तैयारी कर ली है. पहले इस बात की चर्चा थी की हम का जेडीयू में विलय कर दिया जाएगा. लेकिन पार्टी के आधिकारिक सूत्र विलय से अभी इनकार कर रहे हैं. हम ने जब महागठबंधन से अपने सम्बंध तोड़े थे तो उसी समय पार्टी ने ये साफ कर दिया था कि हम पूरी तरह से अस्तित्व में रहेगा और जदयू में उसका विलय नहीं होगा. अलबत्ता जेडीयू के साथ गठबंधन से वे इनकार नहीं कर रहे.
अंदरखाने यह भी चर्चा है कि मांझी के जेडीयू में जाने के ऐलान के पहले कुछ राजनीतिक सूरमा उनसे संपर्क कर चुके हैं. ऐसे लोगों में एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी, जन अधिकार पार्टी के संरक्षक पप्पू यादव और तीसरा मोर्चा के नेता नरेंद्र सिंह का नाम है. ओवैसी चाहते हैं कि मांझी उनकी पार्टी के साथ गठजोड़ करें, ताकि सीमांचल की अधिक से अधिक सीटों पर जीत सुनिश्चित हो सके. पप्पू यादव पहले भी मांझी से अलग होने और नए समीकरण बनाने की बात करते रहे हैं.
इधर पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और नरेंद्र सिंह जैसे नेताओं ने मिलकर जिस तीसरे मोर्चे की शुरुआत की है. उसके तरफ से भी मांझी को न्योता दिया जा चुका है. हालांकि, मांझी अब तक मौन हैं. वैसे चर्चा है कि तमाम अटकलों और चर्चाओं को विराम लगाते हुए मांझी जेडीयू के साथ अपनी नई पारी की शुरुआत करेंगे.
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