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नीतीश मंत्रिमंडल विस्तार में कहां फंसा है JDU-BJP के बीच पेच?

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सिटी पोस्ट लाइव : नीतीश कैबिनेट के विस्‍तार में हो रही देर को लेकर कई सवाल खड़े होने लगे हैं. ऐसा माना जा रहा है कि जेडीयू और बीजेपी (JDU and BJP) में अभी भी मंत्रियों की संख्या को लेकर पेच फंसा हुआ है. गौरतलब है कि  मंत्रिमंडल विस्तार में हो रही देर की वजह से सरकार का कामकाज भी बहुत प्रभावित हो रहा है. कैबिनेट विस्‍तार न होने के कारण सरकार के कई विभागों में कामकाज ठप्प है.. एक-एक मंत्री के पास कई-कई विभाग हैं. एक मंत्री एकसाथ कई विभागों की जिम्मेवारी संभाल नहीं पा रहे हैं.

बजट सत्र की तारीख भी तय हो गई है लेकिन  मंत्रिमंडल विस्तार का मुद्दा नहीं सुलझ पा रहा है. नीतीश कैबिनेट में अभी सिर्फ 14 मंत्री हैं, जबकि विभागों की कुल संख्या 44 है. ऐसे में एक-एक मंत्री के पास कई-कई विभाग हैं, जिसके चलते वे अपने विभागों में बैठ भी नहीं पा रहे हैं. बीते वर्ष 16 नवंबर को नीतीश कुमार ने 14 मंत्रियों के साथ शपथ लेकर कैबिनेट गठन किया था. बीजेपी के 7, जेडीयू के 5 थे. मेवालाल चौधरी के इस्तीफे के बाद 4 मंत्री ही बचे हैं. हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के 1 और वीआईपी से मुकेश सहनी को मंत्री बनाया गया.

एनडीए सरकार को बने दो महीने हो चुके हैं, लेकिन अभी तक मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हो पाया है.  जिस तरह का जनादेश आया है, उसमें मंत्रिमंडल में बीजेपी बड़े भाई की भूमिका चाहती है, जिसके लिए  जेडीयू राजी नहीं है.जेडीयू  मंत्रिमंडल के गठन में 50-50 का फॉर्मूले लागू करना चाह रही है जिसके लिए बीजेपी तैयार नहीं है. बिहार के 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में 15 प्रतिशत सदस्य मंत्री बनाए जा सकते हैं. इस लिहाज से बिहार में मुख्यमंत्री सहित कुल 36 मंत्री हो सकते हैं. इस बार बिहार चुनाव में एनडीए को 125 सीटें मिली हैं, जिनमें सबसे ज्यादा बीजेपी को 74 सीटें मिली हैं. वहीं, जेडीयू को 43, हिंदुस्तान आवाम मोर्चा को चार और विकासशील इंसान पार्टी को भी चार सीटें मिली हैं.

पिछली एनडीए की सरकार में जदयू के मुख्यमंत्री सहित 22 विधायक मंत्री थे. बीजेपी के उप मुख्यमंत्री समेत 13 विधायक मंत्री बने थे. पिछली बार जेडीयू के विधायकों की संख्या 71 थी जबकि बीजेपी के विधायकों की संख्या 54 थी. लेकिन, इस बार बीजेपी के 74 विधायक हैं और जेडीयू के 43 हैं. इसी आधार पर बीजेपी ज्यादा मंत्री पद चाह रही है.

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