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मुकेश सहनी की बगावत और BJP के अड़ियल रवैये का क्या है राज.

खत्म होने वाली है विधान परिषद की सदस्यता, दोबारा कुर्सी पाने के लिए कर रहे प्रेशर पॉलिटिक्स.

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सिटी पोस्ट लाइव : देश भर में सन ऑफ़ मल्लाह के नाम से मशहूर मल्लाहों के बड़े नेता बन चुके मुकेश सहनी को विधान सभा चुनाव में हार जाने के वावजूद बीजेपी ने मंत्री बनाया.मंत्री बनाने के लिए उन्हें विधान परिषद् भेंज.फिर क्यों मुकेश सहनी बीजेपी से खफा हैं.क्यों बीजेपी के लिए मुसीबत बने हुए हैं. 2020 के विधानसभा चुनाव के पहले जब तेजस्वी यादव से मुकेश सहनी ने बगावत की थी तो BJP को अच्छे लगे थे. उनको सहारा देते हुए BJP ने विधानसभा में 11 सीटों पर चुनाव लड़वाया.मुकेश सहनी खुद चुनाव हार गए तो MLC बनाकर मंत्री बना दिया.

दरअसल, मुकेश सहनी को बीजेपी ने केवल दो साल के लिए ही विधान परिषद् भेंज था.उनका 18 महीने का टर्म जुलाई में इस साल पूरा हो रहा है.जाहिर फिर से उन्हें विधान परिषद् जाना होगा अपनी मंत्री की कुर्सी बचाए रखने के लिए.लेकिन बीजेपी ने उन्हें कोई आश्वासन नहीं दिया है.जाहिर है उनकी मंत्री की कुर्सी खतरे में है.यहीं कारण है कि अब सहनी ने UP विधानसभा चुनाव से लेकर बिहार में BJP के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. लेकिन सबसे बड़ा सवाल-क्या बीजेपी उनके दबाव में आ जायेगी.

दरअसल मुकेश सहनी की समस्या ये है कि बीजेपी ने उन्हें 11 सीटें तो दे दी लेकिन उनपर लड़ने के लिए अपना उम्मीदवार दे दिया.सहनी के चार विधायक हैं और उनमे से कोई उनके प्रति वफादार नहीं है.सबके सब बीजेपी के साथ खड़े नजर आ रहे हैं.ऐसे में सहनी अगर NDA छोड़ते हैं तो भी सरकार की सेहत पर फिरहाल कोई ख़ास असर नहीं पड़ेगा.लेकिन जिस तरह से अपने समाज को सहनी गोलबंद में करने में सफल रहे हैं, वो आगामी चुनाव में NDA की मुश्किलें जरुर बढ़ा सकते हैं.

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