मतदाताओं का रुझान पूरी तरह से कांग्रेस – झामुमो गठबंधन के पक्ष में: सुबोधकांत सहाय
सिटी पोस्ट लाइव, रांची: पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुबोधकांत सहाय ने कहा कि नागरिकता (संशोधन) विधेयक (कैब) को बहुमत के बल पर पास कराना मोदी सरकार की ऐतिहासिक भूल के रूप में याद रखा जायेगा। सहाय ने गुरुवार को कहा कि 1973 में केशवानंद भारती बनाम केरल सरकार मामले में सर्वोच्च न्यायालय के 13 जजों की पीठ ने अपना फैसला देते हुए कहा था कि भारतीय संविधान की आधारभूत संरचना में स्वतंत्र निष्पक्ष चुनाव (लोकतंत्र), विधि का शासन और न्यायिक पुनरावलोकन मुख्य है। एस.आर. बोम्मई बनाम भारत सरकार मामले (1994) में सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने धर्मनिरपेक्षता को भी संविधान के उन्हीं आधारभूत संरचनाओ के दायरे में माना था। उन्होंने कहा कि यहाँ तक कि संविधान की प्रस्तावना में भी धर्मनिरपेक्षता शब्द को शामिल किया गया है। लेकिन केंद्र सरकार ने एक झटके में न केवल सर्वोच्च न्यायालय के उन निर्णयों पर बल्कि भारतीय संविधान पर ही कुठाराघात किया है।
उन्होंने कहा कि सरकार का यह कदम मूलत: अपने वोट बैंक को दिग्भ्रमित करने के साथ ही जमीनी समस्याओं से ध्यान भटकाने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रहित और जनहित की कीमत पर राजनीति करना पाप है लेकिन अफ़सोस की बात है कि भारतीय जनता पार्टी वही सब कुछ कर रही है। अमित शाह पर लोकतान्त्रिक, संवैधानिक और व्यवहारिक परंपराओं को तार-तार करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि कल जिस प्रकार राज्यसभा में बहस का जवाब देते हुए अमित शाह ने कांग्रेस पर पाकिस्तान की भाषा बोलने का अप्रत्यक्ष रूप से आरोप लगाया है वह यह बताने के लिये काफी है कि यह पार्टी, घृणा, नफरत और स्वार्थ की राजनीति करती है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पूरे देश को विश्वास में लिये बिना स्वार्थ में अंधे होकर वर्तमान में झारखण्ड में जारी विधानसभा चुनाव और अगले वर्ष शुरुआत में संभवित पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए जल्दबाजी में नागरिकता (संशोधन) बिल जैसे संवेदनशील विधेयक को लोकसभा-राज्यसभा में पारित करा लिया गया। आनन-फानन में लिये गये सरकार के इस निर्णय से देश में एक नये बहस की शुरुआत हो गयी है जिससे किसी का भला नहीं होनेवाला नहीं हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि पूर्वोत्तर के राज्यों में जिस प्रकार लोगों में व्यापक असंतोष और जन आक्रोश नज़र आ रहा है वह सरकार द्वारा बिना तैयारी के उठाये गये इस कदम के दूरगामी परिणामो के प्रति भी संदेह पैदा करता है और कुल मिलाकर यह भारतीय संविधान पर कुठाराघात है।
बैलेट पेपर से मतदान होना चाहिए
झारखंड में आज विधानसभा के तीसरे चरण में हुए मतदान के सन्दर्भ में उन्होंने कहा कि मतदाताओं का रुझान पूरी तरह से कांग्रेस – झामुमो गठबंधन के पक्ष में है। उन्होंने दावा किया कि जनता, रघुवर सरकार से त्रस्त है और सरकार, कांग्रेस – झामुमो गठबंधन की ही बनेगी। उन्होंने कहा कि देश में बैलेट पेपर से मतदान होना चाहिए जिससे निष्पक्षता बने रहने पर कोई प्रश्नचिन्ह नहीं लगा सकता है। वह अपने मतदान केंद्र पर मतदान करने वाले पहले मतदाता रहे और इसके लिए उन्हें सटिफिकेट भी दिया गया।
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