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झारखंड से तीन पूर्व मुख्यमंत्री लोकसभा चुनाव में आजमा रहे हैं किस्मत

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झारखंड से तीन पूर्व मुख्यमंत्री लोकसभा चुनाव में आजमा रहे हैं किस्मत

सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड से लोकसभा चुनाव में इसबार राज्य के तीन पूर्व मुख्यमंत्री अपनी किस्मत अजमा रहे हैं। राज्य के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी कोडरमा, अर्जुन मुंडा खूंटी और शिबू सोरेन दुमका संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से चुनावी समर में उतरे हैं। झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी कोडरमा लोकसभा सीट से उम्मीदवार हैं। कोडरमा से विपक्षी गठबंधन के उम्मीदवार बाबूलाल मरांडी तीन बार इस सीट पर कब्जा जमा चुके हैं। 2004 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर कोडरमा से चुनाव जीते थे। 2006 में बाबूलाल मरांडी ने भाजपा छोड़कर अलग पार्टी बनाई। उन्होंने कोडरमा लोकसभा उपचुनाव और 2009 के आम चुनाव में कोडरमा सीट पर जीत हासिल की। कोडरमा में बाबूलाल का मुकाबला इसबार भाजपा उम्मीदवार अन्नपूर्णा देवी से है। अन्नपूर्णा देवी हाल ही में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को छोड़कर भाजपा में शामिल हुई हैं। वह राजद की प्रदेश अध्यक्ष थीं। अन्नपूर्णा को टिकट देकर भाजपा ने एक साथ कई मोर्चो पर निशाना साधने की कोशिश की है। सबसे पहले उसने राज्य की आधा आबादी से लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाने का मकसद पूरा किया है। वहीं, क्षेत्र की आठ विधानसभा सीटों पर हार-जीत में निर्णायक भूमिका निभाने वाले सामाजिक समीकरण को साधने की भी कोशिश की है। अन्नपूर्णा के रूप में भाजपा को प्रदेश में एक मुखर नेत्री भी मिल गयी। यह भी एक संयोग है कि अन्नपूर्णा को उस संसदीय क्षेत्र से लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाया गया है, जहां से उनके पति रमेश प्रसाद यादव 1996 में जनता दल के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़े थे। हालांकि वह भाजपा के रीतलाल वर्मा से चुनाव हार गये थे। अब अन्नपूर्णा भाजपा के मकसद को कितना पूरा कर पाती हैं, यह समय बतायेगा। पिछले लोकसभा चुनाव में कोडरमा से भाजपा के रवीन्द्र कुमार राय जीते थे। भाकपा माले के उम्मीदवार राजकुमार यादव दूसरे और झाविमो के प्रणव कुमार वर्मा तीसरे स्थान पर थे। भाजपा ने इसबार रवीन्द्र राय का टिकट काटकर अन्नपूर्णा देवी पर दांव लगाया है। राज्य के तीन बार मुख्यमंत्री रहे अर्जुन मुंडा को भाजपा ने खूंटी संसदीय क्षेत्र से मैदान में उतारा है। खूंटी लोकसभा क्षेत्र से 2014 के चुनाव में भाजपा के कड़िया मुंडा आठवीं बार जीतकर सांसद बने थे। कड़िया मुंडा ने 2014 के चुनाव में झारखंड पार्टी के एनोस एक्का को हराया था। कांग्रेस के कालीचरण मुंडा तीसरे स्थान पर थे। भाजपा ने उम्र के आधार पर इसबार कड़िया मुंडा को टिकट न देकर उनकी जगह अर्जुन मुंडा पर दांव लगाया है। कांग्रेस ने इसबार भी कालीचरण मुंडा पर भरोसा जताया है। एनोस एक्का अभी जेल में हैं। झारखंड पार्टी ने इसबार खूंटी से अजय टोप्पनो को मैदान में उतारा है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) अध्यक्ष शिबू सोरेन एकबार फिर दुमका संसदीय क्षेत्र से चुनावी मैदान में उतरे हैं। शिबू सोरेन 2014 के चुनाव में दुमका से जीतकर आठवीं बार लोकसभा पहुंचे थे। भाजपा ने इसबार भी दुमका में सुनील सोरेन पर ही भरोसा जताया है। 2014 के लोकसभा चुनाव में दुमका में त्रिकोणीय संघर्ष की स्थिति थी। उस चुनाव में झाविमो के बाबूलाल मरांडी भी चुनाव मैदान में थे। त्रिकोणीय संघर्ष में शिबू सोरेन ने अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के सुनील सोरेन को 39 हजार 30 मतों के अतंर से हराया था। उस चुनाव में शिबू सोरेन को 335815 और सुनील सोरेन को 296785 वोट मिले थे। जबकि इस क्षेत्र का दो बार प्रतिनिधत्च करने वाले बाबूलाल मरांडी एक लाख 58 हजार 122 मत प्राप्त कर तीसरे स्थान पर थे। इस बार झाविमो और झामुमो गठबंधन में चुनाव लड़ रहे हैं। बाबूलाल कोडरमा से गठबंधन के उम्मीदवार हैं और वहां झामुमो उनके साथ हैं। ऐसे में दुमका में झामुमो और भाजपा में सीधा मुकाबला होने के आसार हैं। कोडरमा और खूंटी में छह मई को और दुमका में 19 मई को वोट डाले जायेंगे।

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