भारत-चीन सीमा मुद्दे पर भारतीय नीति व भौगोलिक परिस्थितियों में कोई अंतर नहीं आया : पोद्दार
सिटी पोस्ट लाइव, रांची: चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी इंटरनेशनल डिपार्टमेंट ऑफ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (आईडीसीपीसी) के आमंत्रण पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पांच सांसद सहित 11 सदस्यीय शिष्टमंडल पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह के नेतृत्व में 25 अगस्त को चीन की यात्रा पर गया था। शिष्टमंडल में झारखंड से राज्यसभा सदस्य महेश पोद्दार भी शामिल थे। चीन से लौटने के बाद सोमवार को भाजपा प्रदेश मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सांसद पोद्दार ने बताया कि चीन के दौरे में अलग-अलग कई बैठकों में बहुत ही सौहार्दपूर्ण वातावरण में दोनों देशों की सत्ताधारी पार्टियों की संरचना और कामकाज, दोनों देशों के आर्थिक, राजनैतिक, सांस्कृतिक और व्यापारिक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान हुआ। उन्होंने बताया कि यह पहली बार हुआ है कि भारत की सत्ताधारी दल की चीनी समकक्ष के साथ इस प्रकार की नियोजित बातचीत हुई। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारत की यात्रा पर आने वाले हैं। भारतीय शिष्टमंडल की चीन यात्रा को चीनी राष्ट्रपति की भारत यात्रा से पूर्व के वार्म अप एक्सरसाइज के तौर पर देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि जैसा कि स्वाभाविक था चीन की ओर से चीन-भारत सीमा का मुद्दा भी उठाया गया। भारतीय शिष्टमंडल ने स्पष्ट किया कि इस मसले पर भारतीय नीति और भौगोलिक परिस्थितियों में कोई अंतर नहीं आया है, सबकुछ पहले जैसा है। भाजपा जनमानस का सम्मान करती है और भारतीय जनमानस चाहता है कि अंतर्राष्ट्रीय मामलों में चीन हमारी भावना का ख्याल रखे। पोद्दार ने कहा कि भारतीय डेमोक्रेटिक सिस्टम में कोई सरकारी कर्मचारी किसी राजनैतिक दल का सदस्य नहीं बन सकता। जबकि चीन में लगभग सभी सरकारी कर्मचारी राजनीतिक दल के सदस्य होते हैं। चीन की कम्युनिष्ट पार्टी में सदस्य बनाने की प्रक्रिया लंबी और कठिन होती है। भारतीय शिष्टमंडल ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी को भारत आकर यहां के डेमोक्रेटिक सिस्टम और भाजपा के सांगठनिक उमक्रम को समझने का आमंत्रण दिया है।
पोलित ब्यूरो सदस्य ने झारखंड के एग्रो समिट को याद किया
सीपीसी के पोलित ब्यूरो सदस्य हुआंग कुन्मिन ने झारखंड में आयोजित एग्रो समिट को याद किया। उन्होंने कहा कि इस समिट में चीन का प्रतिनिधिमंडल आया था और वे अब भी इस दिशा में कुछ बेहतर परिणाम की अपेक्षा कर रहे हैं। उन्होंने फूड प्रोसेसिंग सहित कृषि से जुड़े कई क्षेत्रों में निवेश की इच्छा जतायी। उन्होंने बताया कि दोनों देशों के बीच करीब 2500 वर्षों से ज्यादा पुराने मित्रवत संबंधों को दोनों पक्षों ने बड़ी पूंजी माना और इसी परिप्रेक्ष्य में द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने पर बल दिया। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का लक्ष्य अपने-अपने देशों की जनता की भलाई है और इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए दोनों देश आपसी सौहार्द कायम रखेंगे।
झारखंड-बिहार में जूते बनाने का संयंत्र लगाने की इच्छा जतायी
पोद्दार ने बताया कि भारतीय शिष्टमंडल ने चीन के कई बड़े व्यापारिक केंद्रों और शहरों का भ्रमण भी किया। इस दल की मुलाकात शेजिंग में बीवाईडी सहित कई इलेक्ट्रिक वाहन बनानेवाली कंपनियों के प्रतिनिधियों से हुई। गौन्झाउ में भारतीय मूल के एक उद्यमी (बिहार-झारखंड से हैं, उनकी ससुराल हजारीबाग में) से भी मिले। जिन्होंने झारखंड-बिहार में जूते बनाने का संयंत्र लगाने की इच्छा जतायी। प्रेसवार्ता में भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता दीनदयाल वर्णवाल भी मौजूद थे।
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