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जीतन राम मांझी के ब्राह्मण-दलित एकता भोज में शामिल होने का जानिए क्या है नियम और शर्तें

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सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी अपने आवास पर भोज का आयोजन कर रहे हैं. एक कार्यक्रम में ब्राह्मणों के बारे में आपत्तिजनक बयान देने के बाद उन्होंने गुरुवार को इस भोज के आयोजन की जानकारी दी थी. अब सोमवार को होने वाले कार्यक्रम का नाम बदलकर ब्राह्मण- दलित एकता भोज रख दिया गया है. हालांकि इसके पहले इसे ब्राह्मण-पंडित भोज का नाम दिया गया था. हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा की ओर से इस भोज में शामिल होने के लिए ब्राह्मणों और पंडितों को सशर्त न्योता दिया गया था.

हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा की ओर से यह कहा गया था कि भोज में वैसे ही ब्राह्मण और पंडित शामिल हो सकते हैं जिन्होंने मांस और मदिरा का कभी सेवन ना किया हो. साथ ही कभी चोरी डकैती ना की हो. अब एक बार फिर मांझी ने अपने इस कार्यक्रम में संशोधन कर इस आयोजन का नया नामकरण कर दिया है. गुरुवार को पार्टी की ओर से एक बयान देकर यह शर्त लागू किया गया है कि जो ब्राह्मण मांस मदिरा का सेवन से दूर रहे हों और कभी चोरी डकैती ना की हो वही भोज में आ सकते हैं. मतलब वो सिर्फ सुद्ध ब्राह्मण को ही भोजन कराएँगे.

बता दें 27 दिसंबर की दोपहर 12:00 बजे अपने सरकारी आवास पर खुद ऐसे लोगों को मांझी अपने हाथों से भोज कराएंगे. ऐसा इसलिए भी कि पिछले दिनों जो उन्होंने ब्राह्मणों को लेकर विवादित बयान दिया था, उसके बाद पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन जारी है. ब्राह्मण समाज उनसे काफी नाराज हैं, यही नहीं उनपर मामला भी दर्ज कराया गया है. जिसके बाद मांझी इस भोज का आयोजन कर रहे हैं. देखना है कि उनका यह भोज का आयोजन कितना सफल साबित होता है.

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